कृषि विकास दर पांच प्रतिशत बनाए रखना लक्ष्य: शिवराज
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था को तीन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए कृषि विकास दर को 5 प्रतिशत करना होगा। उन्होंने कृषि उत्पादन बढ़ाने और निर्यात को 20 प्रतिशत...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था को तीन ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने के लिए देश की कृषि विकास दर को पांच प्रतिशत करनी होगी। शिवराज सिंह देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (आईसीएआर) संस्थानों के निदेशकों के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18 प्रतिशत कृषि क्षेत्र का योगदान है। आने वाले समय में भी खेती अर्थव्यवस्था के केंद्र में रहेगी।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत का निर्माण और विकसित भारत के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान सरकार का मूलमंत्र है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने में अनुसंधान की अहम भूमिका है। इसलिए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सभी संस्थानों को इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के रूप में काम करने पर विचार किया जा रहा है। अगर कृषि के क्षेत्र में वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है तो पांच प्रतिशत की कृषि विकास दर को लगातार बनाए रखना होगा। उन्होंने बताया कि कुल रकबे के 93 प्रतिशत हिस्से में अनाज की बुआई होती है, लेकिन दलहन और तिलहन के मामले में विकास दर 1.5 प्रतिशत के आसपास है। उत्पादकता के लिहाज से भी अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न है। पंजाब में, हरियाणा में, छत्तीसगढ़ में भिन्नताएं हैं। मक्का की विकास दर तमिलनाडु में ज्यादा है तो यूपी में कम है। इसमें समानता लाने का प्रयास किया जा रहा है। - बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना होगा निर्यात चौहान ने कहा कि अगर भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र को बनाना होगा। उसके हिसाब से लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। अभी छह प्रतिशत निर्यात होता है उसको बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने का प्रयास है। मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मत्स्यपालन, बागवानी आदि को भी बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में एक और जीन बैंक बनाने का प्रावधान किया है। जिनोम एडिटिंग की पद्धति से हाल ही में धान की दो नई किस्में विकसित की गई हैं, इसी पद्धति से सोयाबीन, दलहन, उड़द, चना, तुअर इत्यादि का उत्पादन बढ़ाने को लेकर भी तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा, प्रति हेक्टेयर कम पानी में ज्यादा उत्पादन करने जैसे मुद्दों पर भी गहराई से चिंतन और विचार-विमर्श किया जा रहा है। - भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाना है चौहान ने कहा कि शोध पत्रों और पुस्तकों का लाभ आम किसान को मिलना चाहिए। कृषि शिक्षा खेती के काम आना चाहिए। किसानों की मदद के लिए मोबाइल ऐप या हेल्पलाइन भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान और परंपरागत ज्ञान का संगम करने पर जोर होना चाहिए। भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाना है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।