ट्रकों, भारी वाहनों के लिए सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग जल्द: गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि मंत्रालय ट्रकों और भारी वाहनों के लिए सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग शुरू करेगा। यह भारत एनसीएपी के अनुरूप होगा। गडकरी ने ई-रिक्शा के लिए भी मानकों और सुरक्षा...

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय ट्रकों और भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग शुरू करने की योजना बना रहा है। यह मूल्यांकन देश के अपने क्रैश (वाहनों की टक्कर) परीक्षण कार्यक्रम, भारत एनसीएपी (नई कार मूल्यांकन कार्यक्रम) की तर्ज पर होगा। गडकरी ने कहा कि सड़क मंत्रालय ट्रक चालकों के काम के घंटे निर्धारित करने के लिए एक कानून पर भी काम कर रहा है क्योंकि वर्तमान में वे प्रतिदिन 13-14 घंटे गाड़ी चलाते हैं। गडकरी ने 'न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम' (जीएनसीएपी) और सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य विनिर्माताओं को उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वाहन अधिक सुरक्षित बन सकें। उन्होंने कहा कि सरकार देश में बैटरी चालित ई-रिक्शा के लिए मानकों और सुरक्षा मूल्यांकन प्रणाली पर पहले से ही काम कर रही है क्योंकि उनको लेकर सुरक्षा संबंधी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा में सुरक्षा सुधार से उनकी गुणवत्ता बेहतर होगी और अधिक रोजगार पैदा होगा।
गडकरी ने 2023 में भारत एनसीएपी पेश किया था, जिसका उद्देश्य 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल सबसे अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। भारत हर साल 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 1.8 लाख लोगों की मृत्यु होती है। गडकरी ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा, सुरक्षित राजमार्गों का विस्तार और वाहन सुरक्षा तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में लॉजिस्टिक लागत को वर्तमान 14-16 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत करने पर भी काम कर रही है।
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