जिस पहाड़ पर लाल आतंक का राज था, वहां तिरंगा लहरा रहा : शाह
नोट----अपडेट---अगले साल मार्च तक नक्सल मुक्त हो जाएगा भारत : अमित शाह, शीर्षक से जारी

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के खिलाफ ‘आपरेशन संकल्प में कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर मारे गए 31 नक्सलियों और नक्सल गढ़ को बड़ा नुकसान पहुंचाने की जानकारी देते हुए इसे नक्सल मुक्त भारत की दिशा में बड़ी सफलता बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स पर अपने पोस्ट में गृहमंत्री शाह ने कहा कि जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, आज वहां शान से तिरंगा लहरा रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सल मुक्त भारत के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े आपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कर्रेगुट्टा पहाड़ पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया।
उन्होंने आगे लिखा कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी पीएलजीए बटालियन 1,डीजेडएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का यूनीफाइड मुख्यालय था। यहां नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे। अमित शाह ने कहा, ‘मुझे अत्यंत हर्ष है कि इस आपरेशन में सुरक्षाबलों का एक भी जवान हताहत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई देता हूं। पूरे देश को आप पर गर्व है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं। मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सल मुक्त होना तय है। बिखरा नक्सल नेतृत्व अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ - तेलंगाना सीमा पर आपरेशन संकल्प के बाद भरोसा जताया जा रहा है कि नक्सलियों की सीनियर लीडरशिप पूरी तरह से बिखर गई है। जल्द ही बचे हुए नक्सली या तो मारे जाएंगे या उनको समर्पण करना होगा। उनकी सबसे आक्रामक यूनिट पर सुरक्षाबलों ने सबसे आक्रामक प्रहार किया है और उनकी कई टेक्निकल यूनिट को तबाह कर दिया गया है। 21 दिनों तक चला अभियान अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में 16 महिलाएं और कई वरिष्ठ नक्सली कैडर शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने 350 नक्सलियों को घेरकर उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि कई नक्सली कैंप तबाह कर दिए गए हैं। सुरक्षाबलों ने यहां दबदबा बना लिया है। राज्य पुलिस के साथ मिलकर चल रहा अभियान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि 2014 में शुरू हुआ नक्सल विरोधी अभियान 2019 से और तेज तथा अधिक केंद्रित हो गया है। इसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बल नक्सलवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। जमीनी स्तर पर अभियानों के प्रभावों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 थी जो 2025 में घटकर छह रह गई है। वहीं, इस अवधि में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 18 हो गई है। दो हजार से ज्यादा नक्सली मारे गए सीआरपीएफ के महानिदेशक ने कहा कि वर्ष 2014 में हिंसक घटनाओं की संख्या 1,080 थी, जो 2024 में घटकर 374 हो गई। 2014 में नक्सली हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 287 थी, जो 2024 में घटकर 19 हो गई। इस अवधि के दौरान ढेर किए गए नक्सलियों की संख्या 2089 तक पहुंच गई है। इस वर्ष 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया वर्ष 2024 में 928 नक्सली सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि इस साल अब तक 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जीपी सिंह ने बताया कि सुरक्षाबल नक्सलियों को उनके ठिकानों से खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इन इलाकों में अब तक 320 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, इसके अलावा रात में लैंडिंग के लिए 68 हेलीपैड भी बनाए गए हैं।
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