लगातार तीसरे दिन तेजी से सेंसेक्स 77,000 अंक के पार
मुंबई में शेयर बाजार ने बुधवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी दिखाई। बीएसई सेंसेक्स 309.40 अंक बढ़कर 77,044.29 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी में भी 108.65 अंक की बढ़त रही। विदेशी निवेशकों की लिवाली...

मुंबई, एजेंसी। स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 309.40 अंक चढ़कर फिर से 77,000 अंक के स्तर को पार कर गया। एनएसई निफ्टी में भी 108.65 अंक की बढ़त रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों के ताजा पूंजी प्रवाह के बीच प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही। खुदरा महंगाई के करीब छह साल के निचले स्तर पर आने से नीतिगत दर में और कटौती की उम्मीद से बाजार धारणा मजबूत हुई। वैश्विक बाजार में कमजोर रुख को खारिज करते हुए सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे सत्र में 309.40 अंक चढ़कर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 77,044.29 अंक पर बंद हुआ। कमजोर शुरुआत के बाद, सत्र के दौरान सूचकांक में उतार-चढ़ाव होता रहा। इस दौरान इसने 77,110.23 के उच्च और 76,543.77 अंक के निचले स्तर को छुआ। निफ्टी 108.65 अंक की बढ़त के साथ 23,437.20 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक वृहद आंकड़ों और सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से निवेशकों की धारणा को बढ़ावा मिला।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इंडसइंड बैंक 7.12 प्रतिशत चढ़ा। इसके अलावा एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक और आईटीसी भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में मारुति, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस शामिल हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने 6,065.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इससे पहले, एफआईआई कई दिनों से बिकवाली कर रहे थे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। हालांकि, चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट बढ़त में रहा।
व्यापार युद्ध बढ़ने से भारत को नुकसान के बजाय लाभ होगा
जानकारों ने कहा, वैश्विक स्तर पर, कमजोर रुख के बीच भारतीय बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसका कारण यह उम्मीद है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने से भारत को नुकसान के बजाय लाभ होगा। इसके अलावा, मार्च महीने में खुदरा महंगाई के करीब छह साल के निचले स्तर पर आने से नीतिगत दर में आगे और कटौती की उम्मीद बंधी है। उल्लेखनीय रूप से, बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में निरंतर मजबूती के साथ-साथ अन्य क्षेत्रवार दिग्गज कंपनियों में खरीद ने गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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