मंगल पर जीवन के लिए जरूरी कार्बन डाइऑक्साइड के प्रमाण मिले
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक कार्बन डाइऑक्साइड के प्रमाण खोजे हैं। यह खोज यह दर्शाती है कि मंगल के प्राचीन वायुमंडल में जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ हो सकती थीं।...

न्यूयॉर्क, एजेंसी। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के प्रमाण खोजे हैं, जो वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है। यह खोज लाल ग्रह पर प्राचीन काल में जीवन के लिए संभावनाओं को उजागर करती है।
साइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस खोज से पता चलता है कि मंगल के वायुमंडल में एक समय पर ऐसी परिस्थितियां रही होंगी, जो जीवन को पोषित करने के लिए अनुकूल हो सकती थीं। क्यूरियोसिटी रोवर मिशन से जुड़े वैज्ञानिक और इस इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ. बेन तुटोलो ने कहा, रोवर ने गैल क्रेटर के माउंट शार्प पर तीन ड्रिल साइटों से सिडेराइट (आयरन कार्बोनेट) के जमा होने का पता लगाया है। यह एक प्रमुख संकेत है कि मंगल के प्राचीन वायुमंडल में पर्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड था, जो जीवन के लिए जरूरी वातावरण बना सकता था। यह खोज यह सिद्ध करती है कि मंगल पर कभी ऐसी स्थिति हो सकती थी, जहां पानी और जीवन दोनों मौजूद रहे हों।
मंगल पर जीवन के संकेत
सिडेराइट जैसी कार्बोनेट सामग्री का निर्माण उस समय के सीओ2 समृद्ध वायुमंडल का प्रमाण हो सकता है, जब मंगल पर जीवन के लिए उपयुक्त जलवायु रही होगी। जैसे ही यह सीओ2 वातावरण से पत्थरों में रूपांतरित हुआ, यह मंगल पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियों की समाप्ति का संकेत देता है। नासा का कहना है कि भविष्य के मिशनों और शोध से इस खोज की पुष्टि हो सकती है और मंगल के इतिहास को समझने में मदद मिलेगी। इसके माध्यम से वैज्ञानिक यह भी जान सकेंगे कि मंगल के वायुमंडल का पतन क्यों हुआ और जीवन की संभावना क्यों समाप्त हो गई।
कोट:::
यह खोज हमें यह समझने में मदद करती है कि मंगल पर जीवन के लिए जरूरी कार्बन डाइऑक्साइड का एक समय था। इससे यह भी पता चलता है कि मंगल कभी जीवन को समर्थन देने में सक्षम था, जब तक उसका वायुमंडल कमजोर नहीं हुआ। - डॉ. बेन तुटोलो, प्रमुख शोधार्थी
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