ओडिशा : पेसा के क्रियान्वयन में देरी पर राज्यपाल ने चिंता जताई
सरकार को उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया कहा, ओडिशा : पेसा के क्रियान्वयन में देरी पर राज्यपाल ने चिंता जताई

सरकार को उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया कहा, आदिवासी सलाहकार परिषद की बैठक वर्ष में दो बार हों भुवनेश्वर, एजेंसी। ओडिशा में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम या ‘पेसा के लिए नियम बनाने में हो रही देरी पर राज्यपाल ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य सरकार को प्रमुख कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उच्च स्तरीय टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने शुक्रवार को एससी-एसटी विकास, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की एक व्यापक समीक्षा बैठक के दौरान यह सुझाव दिया। पेसा और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के क्रियान्वयन में कई विभागों की भागीदारी को देखते हुए, राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक समर्पित टास्क फोर्स गठित होनी चाहिए।
यह समन्वय को सुव्यवस्थित करने, संयुक्त योजना बनाने और क्रियान्वयन चुनौतियों को अधिक प्रभावी ढंग से हल करने में मदद करेगी। पेसा के लिए नियम बनाने में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए, राज्यपाल ने अधिकारियों से प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। उन्होंने संविधान के अनुसार, वर्ष में दो बार आदिवासी सलाहकार परिषद की बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विभाग की वार्षिक रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने का आह्वान किया तथा कुशल निधि उपयोग के महत्व को रेखांकित किया। राज्यपाल ने कहा, “यदि 120 प्रतिशत उपयोग का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, तो कम से कम 100 प्रतिशत वास्तविक रूप से प्राप्त किया जा सकता है।” आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, कंभमपति ने मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए उपकरणों के परिवहन में चुनौतियों की ओर इशारा किया तथा लक्षित विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए वे आदिवासी क्षेत्रों में प्रगति और समस्याओं के बारे में जानने के लिए व्यक्तिगत रूप से परियोजना प्रशासकों से बात करेंगे।
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