औकात से अधिक यूक्रेन को दिया, भारत से लड़ने को नहीं हैं गोला-बारूद; 4 दिन भी नहीं टिक पाएगा पाक
फरवरी से मार्च 2023 के बीच पाकिस्तान ने करीब 42,000 बीएम-21 रॉकेट, 60 हजार 155 एमएम हॉवित्जर शेल्स और 1.3 लाख 122 एमएम रॉकेट यूक्रेन को भेजे, जिससे उसे 36.4 करोड़ डॉलर की कमाई हुई।

India vs Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दुनिया को दिखाने के लिए पाकिस्तान मिसाइल टेस्ट कर रहा है तो सेना की मजबूती में जुटा है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास अब इतना भी गोला-बारूद नहीं बचा कि वह किसी पूर्ण युद्ध में महज चार दिन भी टिक सके।
अप्रैल 2025 में एक्स पर पोस्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान की सैन्य तैयारियां बेहद कमजोर स्थिति में हैं। अगर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो पाकिस्तान के पास सिर्फ तीन-चार दिन तक लड़ने लायक गोला-बारूद ही बचा है। पाकिस्तान ने हाल के महीनों में भारी मात्रा में गोला-बारूद यूक्रेन को निर्यात किया है। इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान की खुद की रक्षा क्षमताएं बुरी तरह से कमजोर हो गईं। फरवरी से मार्च 2023 के बीच पाकिस्तान ने करीब 42,000 बीएम-21 रॉकेट, 60 हजार 155 एमएम हॉवित्जर शेल्स और 1.3 लाख 122 एमएम रॉकेट यूक्रेन को भेजे, जिससे उसे 36.4 करोड़ डॉलर की कमाई हुई।
बताया जाता है कि इसमें से 80 प्रतिशत राशि सीधे रावलपिंडी स्थित पाकिस्तान आर्मी हेडक्वार्टर में चली गई। इसी साल पाकिस्तान की हथियार निर्यात आय 1.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर 41.5 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई थी। मगर इस सौदेबाजी के खेल में पाकिस्तान ने अपने हाथ काट डाले। आज स्थिति यह है कि उसके पास न तो गोला-बारूद है, न ही संयम और न ही विश्वसनीय कूटनीति।
खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई थी
पहलगाम आतंकी हमले से कुछ दिन पहले खुफिया एजेंसियों ने पर्यटकों को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई थी। कहा था कि आतंकी श्रीनगर के बाहरी इलाके में जबरवान रेंज की घाटी में स्थित होटलों में ठहरे पर्यटकों को निशाना बना सकते हैं।
इन इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई और दाचीगाम, निशात और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान की निगरानी के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों को श्रीनगर में तैनात किया गया। विशेष सतर्कता बरती गई।
नाटो सैनिकों के हथियार
जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ स्थलों से एम-सीरीज राइफल, स्नाइपर राइफल और बुलेटप्रूफ को भेदने वाली गोलियां जैसे उन्नत हथियारों की बरामदगी बढ़ गई है। ये नाटो सैनिक इस्तेमाल करते हैं।