फीस बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों का प्रदर्शन जारी
- अभिभावकों का आरोप, एसी से लेकर ई-कक्षा के लिए भी लिया जा रहा है भुगतान

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी में निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों में रोष है। अभिभावक बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर हर दिन स्कूलों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अभिभावकों का आरोप है कि भुगतान न करने पर छात्रों को पुस्तकालय में बैठा रहे हैं। एसी कक्षा की अलग से फीस ली जा रही है। अभिभावक रोहित जुनेजा ने बताया कि उनकी बेटी मॉडल टाउन के एक निजी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ती है। स्कूल ने इस वर्ष 18 से 25 फीसदी फीस बढ़ाई है। वहीं, एक अभिभावक ने नाम न प्रकाशित करने पर बताया कि जिन छात्रों ने बढ़ी हुई फीस का भुगतान नहीं किया है, उन्हें कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि स्कूल में बीते दिन तीन छात्राओं को पुस्तकालय में बैठा गया है। द्वारका स्थित एक निजी स्कूल के छात्रों को बढ़ी फीस नहीं देने पर पुस्तकालय में बैठा जा रहा है। कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर स्कूल से लेकर शिक्षा निदेशालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
राष्ट्रीय युवा चेतना मंच भारत के राष्ट्रीय महासचिव महेश मिश्रा ने कहा कि स्कूल फीस बढ़ोतरी को लेकर मनमानी कर रहे हैं। अभिभावकों की कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, अभिभावक आजाद सिंह ने बताया कि पश्चिम विहार स्थित एक निजी स्कूल में उनका बेटा तीसरी कक्षा में पढ़ता है। स्कूल ने बिना पूर्व सूचना के अचानक से फीस में वृद्धि कर दी। ट्यूशन फीस 60 फीसदी बढ़ा दी है। 80 से 100 अभिभावक जब इसका जवाब लेने के लिए स्कूल प्रबंधन के पास गए तो उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। उन्होंने बताया कि स्कूल तर्क दे रहा है कि 2015 से 2019 के बीच फीस में वृद्धि नहीं हुई थी।
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