राजोआना मामले में केंद्र को निर्देश दे सुप्रीम कोर्ट : एसजीपीसी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सरकार पर बलवंत सिंह राजोआना और अन्य सिख कैदियों के मामले में देरी की नीति अपनाने का आरोप लगाया। एसजीपीसी ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को राजोआना की सजा कम...

- सरकार पर सिख कैदियों के मामले में देरी की नीति का आरोप लगाया अमृतसर, एजेंसी।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बुधवार को मौत की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना और अन्य सिख कैदियों के मामले में केंद्र पर देरी की नीति अपनाने का आरोप लगाया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से सरकार को राजोआना की सजा को कम करने पर तत्काल निर्णय लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।
एसजीपीसी ने अपने अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में अमृतसर में बैठक की। इसमें 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा पाए राजोआना और अन्य सिख कैदियों पर केंद्र के रुख को लेकर चर्चा की गई। बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को इस मुद्दे पर निर्देश दे। धामी ने पत्रकारों से कहा कि राजोआना ने अपना संदेश दिया है कि एसजीपीसी को उससे जुड़ी अपनी याचिका वापस ले लेनी चाहिए और केंद्र से त्वरित निर्णय लेने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि वह अब जीवन और मृत्यु के बीच कोई अंतर नहीं देखता है। धामी ने प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने और सिख भावनाओं के अनुरूप राजोआना के मामले में उदार निर्णय लेने की अपील की।
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