पद से हटाए गए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति, सड़कों पर जश्न
मॉर्शल लॉ लागू करने के कारण लगा था महाभियोग, अदालत ने सुनाया फैसला, येओल ने जनता से माफी मांगी

सियोल, एजेंसी। बीते साल दिसंबर में मॉर्शल लॉ लगाने और संसद में सेना तैनात करने का आदेश देने वाले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल पर गाज गिर ही गई। अदालत ने शुक्रवार को उन्हें पद से हटाने का फैसला सुनाया।
फैसला आने के बाद पुराने शाही महल के पास यून के विरोध में रैली कर रहे लोगों ने जमकर जश्न मनाया। न्यायालय के कार्यवाहक न्यायमूर्ति मून ह्युंग-बे ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आठ सदस्यीय पीठ ने यून के खिलाफ महाभियोग को बरकरार रखा है। मार्शल लॉ संबंधी येओल के आदेश ने संविधान और अन्य कानूनों का गंभीर उल्लंघन किया। उन्होंने न केवल मार्शल लॉ की घोषणा की बल्कि विधायी अधिकार के इस्तेमाल में बाधा डालने के लिए सैन्य एवं पुलिस बलों को जुटाकर संविधान और कानूनों का भी उल्लंघन किया।
संविधान को बनाए रखना जरूरी
मून ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव और प्रतिवादी द्वारा किए उल्लंघनों के कारण पड़ने वाले बड़े प्रभावों को देखते हुए हमें लगता है कि प्रतिवादी को पद से हटाकर संविधान को बनाए रखने के लाभ राष्ट्रपति को हटाने से होने वाले राष्ट्रीय नुकसान से कहीं अधिक हैं।
येओल ने जनता से माफी मांगी
अदालत के आदेश के बाद यून ने कहा कि उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने का बहुत अफसोस है। वह देश और उसके लोगों के लिए प्रार्थना करेंगे। कोरिया गणराज्य के लिए काम करने पाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही है। यून ने जनता की उम्मीदों पर खरा न उतर पाने के लिए उनसे माफी मांगी।
नए राष्ट्रपति के लिए होगा चुनाव
दक्षिण कोरिया को अब नया राष्ट्रपति चुनने के लिए दो माह के भीतर चुनाव कराना होगा। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी 'डेमोक्रेटिक पार्टी' के नेता ली जे-म्यांग अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं।
- 60 दिन के भीतर कराने होंगे चुनाव
- 03 दिसंबर को बीते साल लगाया था मॉर्शल लॉ
- 10 मई 2022 से राष्ट्रपति पद संभाला था
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