ताजमहल के 5 किलोमीटर के दायरे में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बगैर नहीं काटा जाएगा पेड़
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 5 किलोमीटर के दायरे में बिना पूर्व अनुमति के पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की अनुमति आवश्यक होगी। यदि पेड़ों की कटाई...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के 5 किलोमीटर के हवाई दूरी के दायरे में उसकी पूर्व मंजूरी के बगैर कोई भी पेड़ नहीं काटा जाए। शीर्ष अदालत ने बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अपने 2015 के निर्देशों को दोहराते हुए यह टिप्पणी की है। जस्टिस अभय एस. ओका और उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि ‘ऐतिहासिक स्मारक से 5किलोमीटर के दायरे से बाहर लेकिन ताज संरक्षित जोन यानी टीटीजेड के भीतर के पेड़ों की कटाई के लिए केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) की पूर्व अनुमति लेना की आवश्यकता होगी।
पीठ ने कहा कि इस बारे में सक्षम अधिकारी उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्य करेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा है कि जहां तक ताजमहल के 5 किलोमीटर के हवाई दूरी के भीतर आने वाले क्षेत्रों का सवाल है, तो इस बारे में 8 मई 2015 का मूल आदेश लागू रहेगा। पीठ ने कहा कि 5 किलोमीटर के दायरे में पेड़ों की कटाई की अनुमति के लिए संबंधित विभाग/ संस्थान को शीर्ष अदालत में आवेदन करना होगा, भले ही पेड़ों की संख्या 50 से कम क्यों न हो। पीठ ने कहा कि अर्जी पर शीर्ष अदालत केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति से अपनी राय देने को कहेगी और इसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाए या नहीं। पीठ ने कहा कि जब तक पेड़ों की कटाई अत्यंत आवश्यकता न हो, प्रभागीय वन अधिकारी को यह शर्त लगानी होगी कि पेड़ों की कटाई तभी की जा सकती है, जब प्रतिपूरक वनरोपण सहित अन्य सभी शर्तों का पालन सुनिश्चित कर लिया जाए। पीठ ने डीएफओ या सीईसी को निर्देश दिया कि वे पेड़ों की कटाई की अनुमति देने से पहले निर्धारित शर्तों का पालन सुनिश्चित करें। जस्टिस ओका ने कहा कि ‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि अपवाद केवल तभी लागू होगा जब पेड़ों की कटाई अत्यंत आवश्यक हो। जैसे पेड़ों की कटाई तत्काल नहीं की गई तो मानव जीवन की हानि की संभावना हो सकती है, ऐसे परिस्थितियों में ही पेड़ों को काटने की अनुमति दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी को रिपोर्ट दाखिल कर यह बताने के लिए कहा है कि ‘क्या दो अन्य विश्व धरोहर इमारतों आगरा किला और फतेहपुर सीकरी की सुरक्षा के लिए कोई अतिरिक्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? इस बीच, अदालत ने आगरा स्थित एक ट्रस्ट की एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निजी भूमि पर लगे पेड़ों की कटाई के लिए पूर्व अनुमति लेने की शर्त में ढील देने की मांग की गई थी।
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