पेड़ों को बचाने के लिए कांवर मांर्ग का किया जाएगा रीएलाइनमेंट
प्रभात कुमार नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को बताया कि

प्रभात कुमार नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को बताया कि गाजियाबाद से मुज्जफरनगर के पुरकाजी तक बनने वाले 111 किलोमीटर लंबे कांवर यात्रा मार्ग का रीएलाइनमेंट (पुनः संरेखित) करेगी ताकि पेड़ों को बचाया जा सके। ट्रिब्यूनल ने अब प्रदेश सरकार को इस बारे में 3 सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
एनजीटी प्रमुख जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल के समक्ष राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद ने कांवर यात्रा मार्ग के रीएलाइनमेंट करने के बारे में जानकारी दी। एएजी प्रसाद ने पीठ से कहा कि कांवर यात्रा मार्ग का लगभग 62 किलोमीटर का हिस्सा पहले ही बनाया जा चुका है और इसके लिए 17 हजार 607 पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि रीएलाइनमेंट यानी पुनः संरेखित करने के बाद 49.4 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। प्रसाद ने ट्रिब्यूनल को बताया कि पुन: संरेखित किए जाने के बाद 1299 पौधों सहित महज 9 हजार 417 पेड़ों को ही काटना होगा। यपी सरकार ने कहा कि कांवर यात्रा मार्ग का पुनः संरेखित करना न सिर्फ बाकी बचे हिस्से का होगा बल्कि पूरे हिस्से के लिए होगा और इसके परिणामस्वरूप पूरे यात्रा मार्ग के निर्माण में कम से कम पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस बारे में सक्षम प्राधिकारी/अधिकारी का विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पीठ से कहा कि प्रस्ताव पहले ही मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है और तीन सप्ताह के भीतर हलफनामे के माध्यम से विवरण रिकॉर्ड में रखा जाएगा। प्रदेश सरकार ने कांवर यात्रा मार्ग के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने के खिलाफ एनजीटी द्वारा की जा रही सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। अब इस मामले की सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले की सुनवाई शुरू की है।
एक लाख से अधिक पेड़ों को काटने की मिली थी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने इस मामले में पिछले साल 22 नवंबर को एनजीटी को बताया था कि कांवर यात्रा मार्ग के लिए 1 लाख 12 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है। यात्रा मार्ग के निर्माण के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर वन विभागों के संरक्षित जंगलों में काटे जाने थे। कांवर यात्रा मार्ग गाजियाबाद में मुरादनगर से लेकर मुजफ्फरनगर के पुरकाजी तक बनना है।
20 मीटर से अधिक बड़े पेड़ भी काटे गए
एनजीटी द्वारा मामले में पेड़ों की कटाई के लिए गठित संयुक्त समिति की सदस्य और भारतीय वन सर्वेक्षण के निदेशक मीरा अय्यर ने दावा किया कि भारतीय वन सर्वेक्षण ने कई स्थानों की पहचान की है, जहां पेड़ों की कटाई 20 मीटर से अधिक हुई है। समिति से अलग दाखिल अपने जवाब में उपग्रह द्वारा ली गई कुछ तस्वीरें भी संलग्न की हैं, जिसमें 2022 और मई 2024 में पेड़ों की स्थिति को दर्शाया गया है।
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