अंतरिक्ष मिशन के लिए भारतीय रॉकेट पर भरोसा बढ़ा
-अमेरिकी कंपनी वास्ट अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए करना चाहती है इस्तेमाल नई दिल्ली,

नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका की निजी कंपनी वास्ट ने भारत के साथ मिलकर अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छूने की योजना बनाई है। वास्ट के सीईओ मैक्स हॉट ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कॉन्फ्रेंस (ग्लेक्स 2025) के दौरान इसरो के अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने भारत के रॉकेट का उपयोग करके अपने आगामी अंतरिक्ष स्टेशन हेवन-1 तक अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की इच्छा जताई। वास्ट का उद्देश्य हेवन-1 नामक दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्च करना है। योजना के तहत मई 2026 में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से इसे भेजा जाएगा।
इसके बाद, कंपनी हेवन-2 नामक एक बड़े अंतरिक्ष स्टेशन की योजना बना रही है, जिसे 2028 में लॉन्च किया जाएगा। मैक्स हॉट ने भारत के गगनयान मिशन में गहरी रुचि दिखाई है, जो 2027 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। उन्होंने कहा कि वास्ट भारतीय वैज्ञानिक प्रयोगों को अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर स्थान देने के लिए तैयार है और गगनयान रॉकेट का उपयोग करके अंतरिक्ष यात्रियों को अपने स्टेशन तक पहुंचाने की संभावना पर विचार कर रही है। गगनयान में एलवीएम-3 का इस्तेमाल होगा भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए इसरो लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) का उपयोग करेगा। यह तीन चरणों वाला भारी रॉकेट है, जिसे विशेष रूप से मानव मिशन के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया गया है। गगनयान मिशन के तहत, एलवीएम-3 रॉकेट अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर दूर ले जाएगा।
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