आधार, पैन या राशन नहीं; दिल्ली में भारतीय नागरिकता के सबूत के तौर पर दिखाने पड़ेंगे ये दस्तावेज
दिल्ली पुलिस ने बताया कि जिन पर विदेशी नागरिक होने का शक है और जो कथित तौर पर राजधानी में अवैध रूप से रह रहे हैं। ऐसे मामलों में आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को अब वैध सबूत नहीं माना जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में 28 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि जिन पर विदेशी नागरिक होने का शक है और जो कथित तौर पर राजधानी में अवैध रूप से रह रहे हैं। ऐसे मामलों में आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को अब वैध सबूत नहीं माना जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब उन लोगों से भारतीय नागरिकता के सबूत के तौर पर केवल वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट ही स्वीकार किया जाएगा। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पिछले साल अक्टूबर से शुरू किए गए वैरीफिकेशन अभियान के दौरान कई अवैध विदेशी नागरिकों, विशेषकर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं ने आधार, राशन या पैन कार्ड दिखाए थे।
वैरीफिकेशन अभियान के दौरान पाया गया कि अवैध प्रवासियों ने आधार, राशन कार्ड और पैन कार्ड हासिल कर लिए थे। इन लोगों ने उनका इस्तेमाल भारतीय नागरिकता का झूठा दावा करने के लिए किया था। कुछ के पास रोहिंग्या शरणार्थियों को जारी किए गए यूएनएचसीआर कार्ड भी थे। नतीजतन, भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए मतदाता पहचान पत्र या पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में रहने वाले करीब 3,500 पाकिस्तानी नागरिकों में से करीब 520 मुसलमान हैं। इनमें से 400 से ज़्यादा लोग शनिवार तक अटारी बॉर्डर के ज़रिए पाकिस्तान लौट चुके हैं। ज़्यादातर लोग शॉर्ट टर्म वीज़ा पर भारत आए थे।
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 अप्रैल से मेडिकल, राजनयिक और दीर्घकालिक वीजा वालों को छोड़कर बाकी सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का आदेश जारी किया है। मौजूदा मेडिकल वीजा भी 29 अप्रैल के बाद अमान्य हो जाएंगे। सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से दिए गए दीर्घकालिक वीजा वैध रहेंगे।