किन-किन तरीकों से साफ होगी दिल्ली की यमुना, PM मोदी की मीटिंग में बन गया प्लान
- मोदी ने दिल्ली में एक रिव्यू मीटिंग ली। मीटिंग में यमुना नदी की वर्तमान स्थिति का आकलन करने और इसकी सफाई और पुनरुद्धार के लिए चल रही और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई।

भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने से पहले ही यमुना के मुद्दे ने खूब तूल पकड़ा था। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंच से यमुना की सफाई और इसको फिर से उसके पुराने रूप में लाने का वादा किया था। इसके अलावा मोदी ने एक गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तरह यमुना रिवर फ्रंट बनाने का वादा किया है। आज इसी सिलसिले में मोदी ने दिल्ली में एक रिव्यू मीटिंग ली। मीटिंग में यमुना नदी की वर्तमान स्थिति का आकलन करने और इसकी सफाई और पुनरुद्धार के लिए चल रही और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई।
यमुना की सफाई और इसके पुनरुद्धार के लिए हुई इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री, रेखा गुप्ता और अन्य अधिकारी शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता खुद पीएम मोदी ने की थी। दिल्ली सीएम ऑफिस ने बताया कि बैठक में नदी को साफ करने के लिए एजेंसी-वार कार्य योजना की समीक्षा की गई। कार्य योजना में अल्पकालिक गतिविधियां (3 महीने), मध्यम अवधि की गतिविधियां (3 महीने से 1.5 वर्ष) और दीर्घकालिक गतिविधियां (1.5 से 3 वर्ष) शामिल थीं।
इसके अलावा नालों का प्रबंधन,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन(Solid Waste Management), सीवेज प्रबंधन, सेप्टेज और डेयरी अपशिष्ट प्रबंधन(Dairy Waste Management),इंडस्ट्री की गंदगी,अपशिष्ट जल उपचार बुनियादी ढांचे में अंतराल की पहचान और निगरानी उपायों,यमुना नदी में प्रवाह में सुधार,बाढ़ के मैदान का संरक्षण,हरित नदी तट विकास(Green River Front) और जन जागरूकता के लिए किए जाने वाले कार्यों पर विशिष्ट समय सीमा के साथ चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छठ पूजा का त्योहार मनाते समय दिल्ली के लोगों के अनुभव में सुधार होना चाहिए। उन्होंने नदी के प्रति सम्मान पैदा करने तथा इसे यमुना के किनारे बसे शहरों में रहने वाले लोगों के जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लोगों व नदी के बीच संबंध बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘यमुना की सफाई और पुनरुद्धार के साथ-साथ दिल्ली में पेयजल संबंधी मुद्दों पर एक बैठक की अध्यक्षता की। केंद्र सरकार दिल्ली के भाइयों एवं बहनों के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और ‘जीवन की सुगमता’ सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली की सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।’मोदी ने यमुना के पुनरुद्धार के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती करके और नदी के आसपास सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करके ‘जन भागीदारी आंदोलन’ पर भी जोर दिया गया।
बयान में कहा गया कि दिल्ली के अलावा,ब्रज के आसपास के सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकता है,जिससे ‘ब्रज यात्रा’ नदी-जन आंदोलन का हिस्सा बन सके। प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि नालों में प्रवाह को मापने के साथ-साथ जलमल शोधन संयंत्रों के कामकाज पर निगरानी के लिए सूक्ष्म स्तर के तात्कालिक आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण निवारण ढांचे की आगे की योजना और कार्यान्वयन इन आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए।
बयान में कहा गया कि डेटा का उपयोग शासन में सुधार के लिए भी किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मौजूदा बुनियादी ढांचा प्रभावी रूप से काम कर रहा है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि इस उद्देश्य के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है। बैठक में हरियाणा, दिल्ली के साथ-साथ प्रयागराज में संगम तक नदी के पुनरुद्धार के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श किया गया।