आतंकी वीजा लेकर नहीं आते, केंद्र के पाकिस्तान वापसी वाले आदेश पर क्या बोले PAK हिन्दू
केंद्र सरकार के इस फैसले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के हिन्दू नागरिक काफी परेशान है। उनका कहना है कि वह भारत में मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें पाकिस्तान वापस ना भेजा जाए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल से जारी सभी वीजा (दीर्घकालिक वीजा और राजनयिक और आधिकारिक वीजा को छोड़कर) रद्द करने की घोषणा की थी। इस के साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत से बाहर जाने की समय सीमा 26 अप्रैल से 29 अप्रैल तक तय की गई है और इसके बाद उन्हें कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के हिन्दू नागरिक काफी परेशान है। उनका कहना है कि वह भारत में मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें पाकिस्तान वापस ना भेजा जाए क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान में प्रताड़ना से तंग आकर देश में शरण ली थी। वहीं कुछ लोगों ने गुहार लगाई है कि भारत सरकार वीजा जारी करना रद्द ना करें क्योंकि अभी भी उनके कई रिश्तेदार पाकिस्तान में ही हैं।
दिल्ली के मजनूँ का टिला में रह रहे पाकिस्तानी हिन्दू नागरिकों में से एक ने कहा कि आतंकी वीजा लेकर नहीं आते वह छुप छिपाकर आते हैं, घुसपैठिए होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से हमारी अपील है कि पाकिस्तान और दूसरे देशों से भारत आ रहे हिन्दुओं का विजा रद्द मत कीजिए। हमारा वीजा रद्द मत कीजिए। हमारे बच्चे, भाई सब पाकिस्तान में रुके हुए हैं, सबको आने दीजिए। हम मर जाएंगे, मिट जाएंगे लेकिन भारत छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
अटारी-वाघा सीमा से वापसी कर रहे लोग
बता दें, पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिए जाने के बाद पाकिस्तानी नागरिकों का पंजाब के अमृतसर में अटारी-वाघा सीमा चौकी मार्ग से स्वदेश लौटना जारी है।
हालांकि, पाकिस्तान में ब्याही गईं लेकिन भारतीय पासपोर्टधारक कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि आवश्यक दस्तावेज साथ रखने के बावजूद उन्हें वापस जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आई थीं, लेकिन सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय किए जाने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है, लेकिन वे सीमा पार नहीं कर पा रही हैं।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास शुक्रवार दोपहर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई घायल हो गए। केंद्र ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-चौकी को तत्काल बंद करने सहित कई कदमों की घोषणा की।
भाषा से इनपुट