400 एकड़ में बनेगा नया तिहाड़? जेल प्रशासन ने सरकार को लिखा पत्र, क्या की डिमांड
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बजट पेश करने के बाद तिहाड़ प्रशासन ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर नए परिसर के लिए 400 एकड़ भूमि की पहचान और आवंटन करने का अनुरोध किया है। नई जेल में 8,000 कैदियों को रखने की क्षमता होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बजट पेश करने के बाद तिहाड़ प्रशासन ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर नए परिसर के लिए 400 एकड़ भूमि की पहचान और आवंटन करने का अनुरोध किया है। नई जेल में 8,000 कैदियों को रखने की क्षमता होने की संभावना है। इस संबंध में कुछ दिन पहले दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली सरकार के भूमि एवं भवन विभाग को आधिकारिक पत्र भेजा गया था।
पत्र में, तिहाड़ प्रशासन ने 5,000 से 8,000 कैदियों को रखने की क्षमता वाली नई जेलों के निर्माण के लिए भूमि की तुरंत जरूरत पर जोर दिया है। यह कदम मौजूदा जेल सुविधाओं पर गंभीर दबाव को कम करने के लिए आवश्यक माना जाता है, जो पहले से ही क्षमता से कहीं अधिक काम कर रही हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि नरेला में हाई सिक्योरिटी वाली जेल के निर्माण की परियोजना से कैदियों की अधिक संख्या की समस्या का समाधान होने की संभावना नहीं है, क्योंकि इस जेल के लिए स्वीकृत क्षमता केवल 256 है, जो कैदियों की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए बहुत कम है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, नए परिसर को जेलों में भीड़भाड़ की बढ़ती समस्या के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तिहाड़ में, जो देश की सबसे बड़ी जेलों में से एक है। पिछले महीने अपने बजट भाषण में, सीएम गुप्ता ने कैदियों के कल्याण में सुधार के लिए मौजूदा तिहाड़ जेल परिसर में भीड़भाड़ कम करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की थी। इस उद्देश्य के लिए परामर्श और सर्वेक्षण कार्य के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वर्तमान में, तिहाड़ जेल 200 एकड़ भूमि पर बनी हुई है। इसमें नौ जेल हैं और 5,200 कैदियों के लिए निर्धारित स्थान पर 13,000 कैदी रहते हैं। शहर की अन्य जेलों में भी भीड़भाड़ की समस्या उतनी ही विकट है। 3,776 कैदियों की क्षमता वाली मंडोली जेल में 3,900 से अधिक कैदी रहते हैं, जबकि रोहिणी जेल की 1,050 की क्षमता को बढ़ाकर 2,000 से अधिक कैदियों को रखा गया है। इसके अलावा जनकपुरी के निवासियों को तिहाड़ में जेल अधिकारियों द्वारा कैदियों के कम्युनिकेशन को रोकने के लिए लगाए गए नेटवर्क जैमर के कारण कमजोर मोबाइल सिग्नल की लगातार समस्या का सामना करना पड़ता है।