दिल्ली में होली पर पिछले साल से दोगुना चालान, ट्रैफिक पुलिस ने बताया किस तरह के कितने मामले
दिल्ली में इस बार होली पर पिछले साल की तुलना में दोगुने चालान काटे गए। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि पिछले साल होली पर 3589 चालान काटे गए थे जबकि इस बार 7230 चालान जारी किए गए। ट्रिपल-राइडिंग, टिंटेड ग्लास और बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग सहित अन्य अपराधों में वृद्धि देखी गई।

दिल्ली में इस बार होली पर पिछले साल की तुलना में दोगुने चालान काटे गए। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि पिछले साल होली पर 3589 चालान काटे गए थे जबकि इस बार 7230 चालान जारी किए गए। ट्रिपल-राइडिंग, टिंटेड ग्लास उल्लंघन और बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग सहित अन्य अपराधों में वृद्धि देखी गई।
एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस साल होली के दौरान ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामलों में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि इस साल होली पर कुल 7230 चालान जारी किए गए जो 2024 में दर्ज 3589 चालानों से काफी अधिक है।
पुलिस के एक बयान के अनुसार, नशे में गाड़ी चलाने के लिए पकड़े गए लोगों की संख्या 2025 में 1213 हो गई जबकि 2024 में यह 824 थी। इसी तरह, हेलमेट नहीं पहनने के मामले में 2024 में 1524 चालान काटे गए थे जो इस बार 56 प्रतिशत बढ़कर 2376 हो गए।
बयान में कहा गया है कि ट्रिपल-राइडिंग, टिंटेड ग्लास उल्लंघन और बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग सहित अन्य अपराधों में भी वृद्धि देखी गई। इस साल ट्रिपल-राइडिंग के लिए कुल 573 चालान और टिंटेड ग्लास उल्लंघन के लिए 97 चालान जारी किए गए।
बयान के अनुसार, पिछले वर्ष होली के दिन लगभग 1241 उल्लंघनकर्ताओं पर अन्य ट्रैफिक नियमों के तहत मामला दर्ज किया गया था जबकि 2025 में यह संख्या 139 प्रतिशत बढ़कर 2971 हो गया।
ट्रैफिक पुलिस के एसीपी दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को होली समारोह को ध्यान में रखते हुए पैदल यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था लागू की गई। शराब पीकर गाड़ी चलाने, ट्रिपल राइडिंग, कम उम्र में गाड़ी चलाने और दोपहिया वाहनों पर स्टंट प्रदर्शन की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष उपाय किए गए।
अधिकारी ने बताया कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच के लिए एल्कोमीटर से लैस 84 विशेष टीमें और यातायात पुलिस तथा स्थानीय पुलिसकर्मियों वाली 40 संयुक्त जांच टीमें राजधानी भर के प्रमुख चौराहों, शराब पीने वाले स्थानों और संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई। उन्होंने बताया कि ये टीमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों का पता लगाने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए सुबह 8 बजे से आधी रात तक तैनात रहे।