बांसुरी स्वराज के काले बैग में ऐसा क्या लिखा था?जिसने खींचा सबका ध्यान,इशारा समझिए
- नई दिल्ली से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज आज वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी बैठक में शामिल होने संसद पहुंचीं। इस दौरान उनके कंधे पर काला बैग टंगा था। यह बैग आज चर्चा का विषय बना हुआ है। बैग में लाल अक्षरों से लिखी एक लाइन लोगों का ध्यान खींचे हुए है।

नई दिल्ली से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज आज वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी बैठक में शामिल होने संसद पहुंचीं। इस दौरान उनके कंधे पर काला बैग टंगा था। यह बैग आज चर्चा का विषय बना हुआ है। बैग में लाल अक्षरों से लिखी एक लाइन लोगों का ध्यान खींचे हुए है। बांसुरी स्वराज जैसे ही संसद एनेक्सी भवन पहुंची,इस बैग ने सबको आकर्षित किया। आइए आपको बताते हैं कि इस बैग के पीछे लाल अक्षरों में लिखा क्या था और इसका कनेक्शन क्यों गांधी परिवार से है।
भाजपा की नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बांसुरी स्वराज आज संसद भवन पहुंचीं तो उनके कंधे पर एक काला बैग था। काले बैग पर लाल अक्षरों से 'नेशनल हेरल्ड की लूट' लिखा हुआ था। बांसुरी स्वराज की ओर से कैरी किए हुए बैग का वीडियो भी सामने आया है। इसके बाद बांसुरी स्वराज ने नेशनल हेरल्ड के पर बोलते हुए गांधी परिवार पर हमला बोला।
बैग पर लिखे नेशनल हेरल्ड की लूट पर उन्होंने कहा कि इस बैग में नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा दायर चार्जशीट का शीर्षक है। कांग्रेस की यह बहुत पुरानी विचारधारा है, सेवा के नाम पर लूट करना। वे अपनी निजी फायदे के लिए सार्वजनिक संपत्ति का दुरुपयोग करते हैं।
बांसुरी स्वराज ने कहा कि यह पहली बार है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ-मीडिया में भ्रष्टाचार हुआ है। ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट कांग्रेस पार्टी की पुरानी कार्यशैली और विचारधारा को उजागर करती है। सेवा के नाम पर,वे सार्वजनिक संस्थानों को अपनी निजी संपत्ति बढ़ाने का साधन बनाते हैं। यह बहुत गंभीर मामला है। कांग्रेस पार्टी और उसके शीर्ष नेतृत्व को इसका जवाब देना होगा
बांसुरी स्वराज ने आगे कहा कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति कौड़ियों के भाव यानी मात्र 50 लाख रूपये में यंग इंडिया लिमिटेड ने हड़प ली। यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी की ओनरशिप 76 प्रतिशत गांधी परिवार के पास है। इसलिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की जवाबदेही बनती है। 25 अप्रैल को कोर्ट के सामने भी उन्हें जवाब देना होगा। बांसुरी ने कहा कि यह इस देश का पैसा है और सार्वजनिक संपत्ति है।