भारत में बन रहे पहले हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अब जापान की तरफ से एक बड़ा तोहफा मिला है। जापान ने भारत को दो शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सेट ई5 और ई3 सीरीज देने का ऐलान किया है। ये दोनों ट्रेन सेट भारत के मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की टेस्टिंग और इंस्पेक्शन में इस्तेमाल किए जाएंगे।
बताया गया है कि ये ट्रेनें भारत में 2026 की शुरुआत में पहुंचेंगी। इसके बाद इनमें जरूरी इंस्पेक्शन टूल्स लगाए जाएंगे और ये ट्रेनें विशेष रूप से भारत के हालात जैसे गर्मी, धूल और आर्द्रता को लेकर डेटा इकट्ठा करेंगी। इससे जापान को भी फायदा मिलेगा क्योंकि इस डेटा की मदद से वो अगली पीढ़ी की ई10 सीरीज के डिजाइन को और बेहतर बना पाएंगे। आइए जानते हैं ई5 और ई3 सीरीज की बुलेट ट्रेन के बारे में...
ई5 सीरीज की ट्रेनें 2011 से जापान में चल रही हैं। ये ट्रेनें 320 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती हैं और इनमें Fastech 360S जैसे एक्सपेरिमेंटल डिजाइन से ली गई तकनीकें इस्तेमाल होती हैं। इनमें इलेक्ट्रिक एक्टिव सस्पेंशन जैसी एडवांस सुविधा भी है, बिना किसी झटके के यात्रियों को शानदार ट्रेन के सफर का अनुभव कराती है।
वहीं, ई3 सीरीज की शुरुआत 1997 में हुई थी। ये खास तौर पर जापान की छोटी लाइनों के लिए डिजाइन की गई थीं। इनका निर्माण मशहूर इंडस्ट्रियल डिजाइनर केंजी एकुआन की देखरेख में हुआ था। 275 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार वाली ये ट्रेनें भारत में शिंकानसेन तकनीक के व्यवहारिक अनुभव का आधार बनेंगी।
हालांकि, भारत में यात्री सेवाओं के लिए पहले ई5 ट्रेनें चुनी गई थीं, लेकिन लागत और समय सीमा में बदलाव के कारण अब भारत और जापान मिलकर ई10 मॉडल लाने की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिसकी स्पीड 400 किमी/घंटा तक हो सकती है। लेकिन ये ट्रेनें 2027 में प्रस्तावित आंशिक उद्घाटन तक तैयार नहीं होंगी।