Why Vladimir Putin government forcibly recruiting even sick Russians inarmy working on new plan भेड़-बकरियों की तरह बीमारों को भी सेना में क्यों भर्ती कर रहे पुतिन? क्या प्लान, International Hindi News - Hindustan
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भेड़-बकरियों की तरह बीमारों को भी सेना में क्यों भर्ती कर रहे पुतिन? क्या प्लान

  • रूस में इस समय सेना की भर्ती का नया और महा-अभियान चल रहा है। युवाओं को भर्ती का आलम यह है कि बीमार युवाओं को भी भर्ती होने का समन मिला है। भर्ती की उम्र सीमा 18 से 30 कर दी गई है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, मॉस्कोThu, 17 April 2025 10:15 AM
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भेड़-बकरियों की तरह बीमारों को भी सेना में क्यों भर्ती कर रहे पुतिन? क्या प्लान

यूक्रेन से भीषण युद्ध के बीच रूस में एक बार फिर जबरदस्त सैन्य हलचल दिख रही है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर 1 अप्रैल से देशभर में एक ‘महा सैन्य भर्ती अभियान’ चल रहा है, जिसमें 18 से 30 साल के करीब 1.6 लाख युवाओं को सेना में भर्ती किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि भर्ती के लिए समन पाने वाले युवाओं में कुछ हाईपरटेंशन और डायबटीज समेत कई बीमारियों से ग्रसित हैं। यह भर्ती अभियान 2011 के बाद की सबसे बड़ी कंसक्रिप्शन ड्राइव मानी जा रही है।

पुतिन की बड़ी प्लानिंग

इस अभियान के जरिए रूस की सैन्य ताकत को 25 लाख सैनिकों तक पहुंचाने की योजना है। पुतिन ने पिछले साल एक राष्ट्रपति आदेश में इसका ज़िक्र किया था और अब यह जमीन पर उतरा है। रूसी मीडिया और मानवाधिकार समूहों के मुताबिक, इस बार की भर्ती पहले से कहीं ज्यादा जबरदस्त और आक्रामक तरीके से की जा रही है।

बीमार रूसियों को भी सेना में जबरन बुलावा

अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को के पास रहने वाले 21 वर्षीय युवक का कहना है कि उसे हाईपरटेंशन जैसी बीमारी है, इसके बावजूद सेना में भर्ती के लिए समन भेजा गया। उसका कहना है कि वह इन दिनों छिपकर रहने को मजबूर है और उम्मीद कर रहा है कि मेडिकल छूट के लिए आवेदन कर सकें, क्योंकि सरकार से उसे कोई राहत नहीं मिल रही।

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रूस में अब सख्त हुआ कानून

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक, पहले युवाओं को किसी न किसी आधार पर भर्ती से छूट मिल जाती थी, लेकिन अब 18 से 30 साल तक की उम्र सीमा तय कर दी गई है। पहले यह सीमा 27 साल थी। "गो बाय द फॉरेस्ट" नामक संगठन के प्रवक्ता इवान चुविलियाएव का कहना है, "अब समन किसी को भी मिल सकता है और इससे बचने का रास्ता अब लगभग बंद हो गया है।"

क्या यूक्रेन पर बड़े हमले की तैयारी?

भले ही रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि ये सैनिक यूक्रेन नहीं भेजे जाएंगे, लेकिन जानकारों का मानना है कि ये कदम यूक्रेन युद्ध को लंबा खींचने की तैयारी हो सकता है। 2022 से जारी जंग में रूस को भारी जनशक्ति की ज़रूरत पड़ी है। अनुमान के अनुसार, रूस ने पिछले तीन साल में यूक्रेन से जंग में लाखों के करीब सैनिकों को खो दिया है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूस ने यूक्रेन से लड़ाई में कम से कम 5 लाख सैनिक गंवा दिए हैं।

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