हमने धमाकों की तेज आवाज सुनी लेकिन…; राजस्थान में पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन अटैक पर क्या बोले लोग
पाकिस्तान ने जम्मू से लेकर जैसलमेर तक कई सीमावर्ती इलाकों में मिसाइल और ड्रोन से हमले की कोशिश की लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमले को नाकाम कर दिया।

भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार रात को भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन और मिसाइलों से हमले शुरू कर दिए। हालांकि हर हमले का भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मुंहतोड़ जबाव दिया। जिन इलाकों पर पाकिस्तान ने हमले की किशोशि की उनमें जैलमेर भी एक था। राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर में बृहस्पतिवार रात भीषण धमाकों की आवाज सुनी गई। इस बीच सीमावर्ती जिलों में 'ब्लैकआउट' लागू कर दिया गया, जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। स्थानीय लोगों ने भी धमाको की तेज आवाज सुनी। इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, रात को एक दम से जब हमला हुआ तो थोड़ा सा डर का माहौल बन गया था। लेकिन बाद में सारी मिसाइलें डिफ्यूज कर दी गईं और एक भी हमला कामयाब नहीं हुआ।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, सभी पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया गया है। लोगों में शांति है और कोई डर नहीं है। हम भारतीय वायुसेना और सेना के साथ हैं। हमने धमाकों की आवाज सुनी, लेकिन कोई भी धमाका जमीन पर नहीं हुआ। कल रात जैसलमेर में भारतीय एयर डिफेंस ने पाकिस्तानी ड्रोन को रोका।
वहीं एक अन्य निवासी ने कहा, बहुत बड़े ड्रोन आए थे पाकिस्तान से। डर लग रहा था कि अब क्या होगा लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने एक भी ड्रोन को नीचे नहीं आने दिया, सबको ऊपर ही खत्म कर दिया। बहुत ही अच्छा लगा। भारत की ताकत पाकिस्तान से काफी ज्यादा है।
उधर लोगों में दहशत के चलते पुलिस कर्मियों ने गश्त शुरू कर दी। बाड़मेर में भी कई बार सायरन बजा। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। इस बीच इन हमलों पर स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया सामने आई है। एक आला अधिकारी ने पुष्टि की कि जैसलमेर में भीषण धमाकों की आवाज आई। कुछ देर की शांति के बाद करीब एक घंटे तक धमाकों की आवाजें आती रहीं।
सीमावर्ती इलाके अलर्ट, सीएम ने की हाई लेवल मीटिंग
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सीमा पर उत्पन्न हुई तनावपूर्ण परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेशभर, विशेषकर सीमावर्ती जिलों की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।शर्मा ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आवश्यक मानव संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि आपातकालीन स्थिति में नागरिकों के लिए सेवाएं बाधित ना हो और उन्हें हर तरह की सहायता तुरंत मिल सके।
उन्होंने सभी राजकीय कार्मिकों की छुट्टियां रद्द करने और उन्हें मुख्यालय पर उपस्थित रहने के संबंध में निर्देश भी दिए। शर्मा गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में आयोजित हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, पाकिस्तान सीमा पर स्थित हमारा राज्य सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसे में राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी सुरक्षा की दृष्टि से सभी आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट ड्रिल का सख्ती से अनुपालन हो और किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने एसडीआरफ की इकाइयों को सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजने के निर्देश दिए। शर्मा ने श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर के लिए पांच करोड़ रुपये और फलौदी, जोधपुर एवं हनुमानगढ़ के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता जारी करने के निर्देश दिए।
इस वित्तीय सहायता से ये जिले आपातकालीन स्थिति में आवश्यक उपकरण एवं सेवाएं नियोजित कर सकेंगे। वहीं, उन्होंने सीमावर्ती जिलों में खाद्यान्न, चिकित्सा, पानी, बिजली, पुलिस एवं प्रशासनिक आदि सेवाओं से संबंधित रिक्त पदों को तुरंत भरने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में आरएसी और होमगार्ड की अतिरिक्त कंपनियां उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया। शर्मा ने अतिरिक्त फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की सेवाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में पर्याप्त दवा और एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करें और ब्लड बैंकों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध रहें।
भाषा से इनपुट