सूर्य देव ने फिर दिखाए तेवर, राजस्थान में राहत के बाद तपिश का तांडव शुरू; कई जिलों में 40 पार तापमान
Rajasthan Weather: जयपुर में पिछले कुछ दिनों से गर्मी से थोड़ी राहत महसूस की जा रही थी। कहीं-कहीं हल्की फुहारें और बादलों की आवाजाही से मौसम सुहाना बना हुआ था। आमजन ने कुछ दिन चैन की सांस ली, लेकिन अब एक बार फिर से सूर्यदेव पूरी तपिश के साथ लौट आए हैं

Rajasthan Weather: जयपुर में पिछले कुछ दिनों से गर्मी से थोड़ी राहत महसूस की जा रही थी। कहीं-कहीं हल्की फुहारें और बादलों की आवाजाही से मौसम सुहाना बना हुआ था। आमजन ने कुछ दिन चैन की सांस ली, लेकिन अब एक बार फिर से सूर्यदेव पूरी तपिश के साथ लौट आए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है।
बुधवार सुबह से ही प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज धूप और उमस का असर देखा गया। राजधानी समेत कई जिलों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। पिछले दिनों दोपहर होते-होते सड़कों पर चहल-पहल कम होने लगी है, लोग जरूरी कामों को छोड़कर घरों में ही सिमटे नजर आए। व्यापारिक क्षेत्रों में भी दोपहर के समय सन्नाटा पसरा रहता है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के निदेशक राधे श्याम शर्मा का कहना है कि अगले 48 घंटों में गर्मी का प्रकोप और बढ़ सकता है। विशेष रूप से पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में लू चलने की चेतावनी दी गई है। साथ ही लोगों को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने और मानसूनी प्रभाव के कमजोर होने के कारण हुआ है।
स्वास्थ्य पर असर, डॉक्टरों की सलाह
तेज गर्मी का असर लोगों की सेहत पर भी साफ नजर आ रहा है। अस्पतालों में डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, थकान और लू लगने के मामले बढ़े हैं। डॉक्टरों ने लोगों को अधिक से अधिक पानी पीने, हल्के और सूती कपड़े पहनने तथा धूप में निकलते समय छाता या टोपी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
गर्मी से जनजीवन प्रभावित
गर्मी का असर न केवल स्वास्थ्य पर, बल्कि जनजीवन पर भी दिख रहा है। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में गिरावट दर्ज की गई है। किसान वर्ग भी परेशान है, क्योंकि अधिक तापमान से फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिजली की मांग बढ़ने से कई जगहों पर लोड शेडिंग की स्थिति बन गई है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि अभी मानसून की सक्रियता में कुछ समय है, लेकिन मई के अंत तक प्रदेश में प्री-मानसूनी गतिविधियों के शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। तब तक के लिए प्रदेशवासियों को गर्मी से सावधान रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है।