मंच से नाराजगी और कैमरे पर नरमी, जयपुर में चर्चा में रहा कथावाचक प्रदीप मिश्रा का यू-टर्न
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही कथावाचक प्रदीप मिश्रा की सात दिवसीय शिवपुराण कथा में अचानक ड्रामा देखने को मिला। तीसरे दिन कथा को बीच में ही रोकने का फैसला लिया गया। मंच से खुद प्रदीप मिश्रा ने प्रशासन से सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाया। हालांकि, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया।

राजस्थान के जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही कथावाचक प्रदीप मिश्रा की सात दिवसीय शिवपुराण कथा में शनिवार को अचानक ड्रामा देखने को मिला। तीसरे दिन कथा को बीच में ही रोकने का फैसला लिया गया। मंच से खुद प्रदीप मिश्रा ने प्रशासन से सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाया। हालांकि, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया।
प्रदीप शर्मा ने खुले मंच से कहा कि इससे बड़ी कथा हमने उत्तर प्रदेश में की थी, जहां पूरा प्रशासन साथ था। लेकिन, जयपुर में वो बात नहीं दिखी। उनके इस बयान ने उपस्थित भक्तों में असमंजस और नाराजगी की लहर दौड़ा दी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद पूरा घटनाक्रम यू-टर्न ले गया। जयपुर कलेक्टर जितेंद्र सोनी, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ और प्रदीप मिश्रा के बीच करीब एक घंटे तक बंद कमरे में मीटिंग हुई। इसके बाद मिश्रा ने नया वीडियो जारी कर सारी बातें बदल दीं।
वीडियो में मिश्रा ने कहा कि आज बारिश और आंधी के कारण पंडाल में व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं, इसलिए कथा रोकी गई। प्रशासन ने पूरा सहयोग किया है और अब कथा रविवार से दोबारा शुरू होगी।" जयपुर जिला प्रशासन ने भी स्थिति स्पष्ट की। कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने कहा कि कथा को रोकने जैसा कोई आदेश नहीं दिया गया, बल्कि भीड़ और ट्रैफिक को संभालने के लिए अतिरिक्त प्रशासनिक और पुलिस बल लगाया गया है।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर डॉ. रामेश्वर सिंह ने भी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पांच एसपी और 15 वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की गई है। शनिवार को कथा एक दिन के लिए स्थगित रही, लेकिन अब रविवार दोपहर 2 से 5 बजे तक फिर से कथा का आयोजन होगा। आयोजक समिति ने पंडाल की स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया है।
जयपुर में शिवकथा के इस विवाद ने जहां श्रद्धालुओं को उलझन में डाला, वहीं प्रदीप मिश्रा के बयान और फिर पलटी ने पूरे घटनाक्रम को और भी दिलचस्प बना दिया है।