सरकार की तरफ से विवि का मांगा गया बैकग्राउंड एनटीपीसी कहलगांव के सहयोग से तैयार
भागलपुर। टीएमबीयू में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संभावित कार्यक्रम है। इस लेकर विवि में
मुजफ्फरपुर में प्रोसेसिंग यूनिट के संचालक आलोक केडिया ने बताया कि इसबार मौसम का साथ नहीं मिलने से लीची भेजने में एक सप्ताह का विलंब हुआ है। जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष की तरह इसबार भी प्रीमियम क्वालिटी की शाही लीची की पैकिंग तैयार करने को कहा गया है।
8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल मामले में फैसला दिया कि राज्यपाल विधेयकों को अनिश्चितकाल तक लंबित नहीं रख सकते। कोर्ट ने राज्यपाल के लिए एक महीने और राष्ट्रपति के लिए तीन महीने की समयसीमा तय की।
यह पूरा मामला उन परिस्थितियों से उपजा है, जब राज्यपाल विपक्ष-शासित राज्यों के विधेयकों को लंबित रखते हैं या अस्वीकृत करते हैं। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था।
8 अप्रैल को सुनाए गए फैसले की कॉपी 12 अप्रैल को केंद्र सरकार को प्राप्त हुई। इसके बाद यह तय हुआ कि इसका रिव्यू नहीं किया जाएगा, बल्कि राष्ट्रपति के माध्यम से कोर्ट से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें संघीय मुद्दों पर अनुच्छेद 131 (केंद्र-राज्य विवाद) के बजाय अनुच्छेद 32 (नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा) का उपयोग क्यों कर रही हैं।
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