सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने मानवीय व्यवहार और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए एक रोते हुए मासूम बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाया। यह वाकया रात करीब साढ़े नौ से दस बजे के बीच का है जब मुख्यमंत्री अपनी दैनिक चहलकदमी पर थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई अनिवार्य निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। हमने अस्पतालों को अटोनॉमस (स्वायत्त) कर दिया है। यदि कोई अस्पताल चाहता है कि वह अपनी सफाई व्यवस्था और रख-रखाव को बेहतर बनाए तो वह पर्ची शुल्क वसूल सकता है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया शिमला, एजेंसी।
बैठक में 'पशु मित्र नीति-2025' को मंजूरी देते हुए पशुपालन विभाग में 1,000 मल्टी-टास्क वर्कर (पशु मित्र) की भर्ती को हरी झंडी दी गई। मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में स्कूल लाइब्रेरी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 100 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (लाइब्रेरी) के पद भरने की स्वीकृति दी गई है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछले कुछ समय से तुर्की और अमेरिका से आयातित सेब ने हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को प्रभावित किया है। मैं केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को तुर्की से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिखूंगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में बातचीत करते हुए बताया कि हम किन दफ्तरों को शिफ्ट करने जा रहे हैं। उन्होंने कर्मचारियों की शिफ्टिंग पर भी बात की कि आखिर किन कर्मचारियों को जाना होगा और कौन शिमला में रुक सकते हैं।
दरअसल वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार से मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान में भारी कटौती के चलते राज्य सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है। पिछले वर्ष जहां यह अनुदान 6258 करोड़ रुपये था। वहीं इस वर्ष यह घटकर मात्र 3725 करोड़ रुपये रह गया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इन दिनों एक बिल को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, उन्होंने होली के मौके पर एक पार्टी आयोजित की थी जिसका बिल 1.22 लाख रुपए आया है। उन्होंने सरकार को इसका भुगतान करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश के 78वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले की जनजातीय पांगी घाटी के किलाड़ में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान कर्मचारियों को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने की सौगात दी।
हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कड़े लेकिन जरूरी फैसले लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ये फैसले भले ही अभी कड़वे लग रहे हों,लेकिन भविष्य में ये आंवले की तरह मीठे साबित होंगे।