लखनऊ के सरकारी स्कूलों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम समेत दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों के बच्चों को आधार कार्ड के बिना दाखिला नहीं मिल पा रहा है। मजदूरों का स्थायी आवास नहीं है तो आवासीय प्रमाण पत्र भी नहीं है।
सरकार ने सहारनपुर मंडल में कुल 914 बेसिक स्कूलों को निपुण विद्यालय घोषित कर दिया है।
शाहजहांपुर के जमालपुर में सरकारी स्कूल के हेडमास्टर की पत्नी ने बचत के पैसे से अपने पति के चैंबर को सजाकर कॉरपोरेट लुक दे दिया है।
आदेश के बाद भी अनुकंपा पर नौकरी नहीं देने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट जालौन के बीएसए पर सख्त हो गया है। हाईकोर्ट ने यहां तक कहा कि बीएसए अपने पद पर बने रहने के लायक नहीं है।
बरेली के एक सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका शबीना ने वो कमाल किया है कि सब अचंभित हैं। जहां बाकी सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला हर साल नीचे जा रहा है वहीं शबीना के स्कूल में वो दोगुना हो गया है।
महानिदेशक की फटकार के बाद बीएसए ने खराब प्रदर्शन करने वाले 16 ब्लॉकों के बीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इन खंड शिक्षाधिकारियों को बुधवार तक अपार आईडी का कार्य शत प्रतिशत पूरा करने अथवा कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
इन पदों पर भर्ती के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा से संबंधित नियमावली को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में आयोग के स्तर से जल्द ही चयन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। इससे पहले 2020 में असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों पर भर्ती आई थी। राजकीय डिग्री कॉलेजों में वर्तमान में 2414 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
बेसिक से लेकर हाईस्कूल तक के शिक्षकों की इस तरह की समस्याएं हजारों में हैं, जिनकी विनियमितीकरण से लेकर वेतन वृद्धि और पेंशन पुनरीक्षण जैसे कई मामले लंबे समय से लटके पड़े हैं। नतीजा ये कि बहुत से शिक्षक अपने इस तरह के प्रकरणों को लेकर अदालतों का रुख कर चुके हैं।
इस आदेश से 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की पुरानी पेंशन और लगभग 25-30 वर्षों से जमा GPF भी लैप्स होने से बच जाएगा। 2000 तक चयनित तदर्थ शिक्षकों को लम्बे संघर्ष के बाद विनियमित करने के लिए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को तय समय के अंदर निर्णय लेने का पत्र जारी हो गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने कहा है कि यूपी में 27 हजार प्राथमिक विद्यालयों को पास के विद्यालयों में विलय करते हुए बंद करने की बात बिल्कुल भ्रामक और निराधार है। बता दें कि रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर एक ट्वीट में अपनी आपत्ति व्यक्त की थी।