एक ही रात ट्रिपल आईटी के 2 छात्रों की मौत, अखिल में मिला किडनी-फेफड़े का इंफेक्शन; जांच की मांग
- अखिल के पिता राजू और चाचा रामेश्वर ने बताया कि अखिल 18 मार्च को अंतर ट्रिपलआई स्पोर्ट्स मीट के लिए ग्वालियर गया था। जहां वह सेकेंड रनरअप रहा। इस दौरान उसे कमर में चोट लगी थी। ग्वालियर से अखिल टीम के साथ 25 मार्च को कॉलेज लौटा था। इस बीच उसकी चोट का कोई इलाज नहीं किया।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) प्रयागराज में एक ही रात बीटेक के दो छात्रों की मौत पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। तेलंगाना के छात्र राहुल चैतन्य ने छात्रावास की पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी, तो वहीं उसके सहपाठी कत्रवथ अखिल की बीमारी से मौत हो गई। अखिल को 12 दिन पहले खेल प्रतियोगिता के दौरान कमर में चोट लगी थी। कॉलेज प्रशासन ने हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई थी जबकि सोमवार को पोस्टमॉर्टम में किडनी और फेफड़े में इंफेक्शन की वजह से मौत होने की पुष्टि की गई है। अखिल के परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर इलाज के नाम पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर अखिल का सोमवार को वीडियोग्राफी के बीच दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद छात्र कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे है। पोस्टमॉर्टम हाउस पर पहुंचे अखिल के पिता राजू और चाचा रामेश्वर ने बताया कि अखिल 18 मार्च को अंतर ट्रिपलआई स्पोर्ट्स मीट के लिए ग्वालियर गया था। जहां वह सेकेंड रनरअप रहा। खेल के दौरान उसे कमर में चोट लगी थी। ग्वालियर से अखिल टीम के साथ 25 मार्च को कॉलेज लौटा था। इस बीच उसकी चोट का कोई इलाज नहीं किया। यहां आने पर तबीयत बिगड़ी तो कॉलेज प्रशासन ने निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। 29 मार्च की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि सही से इलाज कराया जाता, तो अखिल की जान बच सकती थी। यहां तक कि कॉलेज प्रशासन ने उसकी हालत बिगड़ने की सूचना तक नहीं दी। यदि पहले बता दिया जाता, तो घर ले जाकर उसका अच्छे अस्पताल में इलाज कराया जा सकता था। परिजनों ने रोते हुए अखिल की मौत पर अपने गुस्से का भी इजहार किया। साथ ही उत्तर प्रदेश व तेलंगाना सरकार ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की।
आखिर हार्ट अटैक की अफवाह क्यों उड़ी
छात्र कत्रवथ अखिल की मौत को लेकर कई सवाल उठना लाजमी है। कॉलेज प्रशासन ने निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया, जहां उसका पांच दिन तक इलाज चलता रहा। क्या इलाज के दौरान छात्र की कोई मेडिकल जांच नहीं की गई। क्या छात्र अखिल से उसकी तकलीफ के बारे में जानकारी तक नहीं ली गई। यहां तक कि उसकी मौत के बाद हार्ट अटैक की अफवाह फैलाते हुए मामले को दबाने की कोशिश क्यों की गई। ऐसे कई सवाल की जांच होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। उधर, डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने पूछे जाने पर बताया कि अभी तक उच्चाधिकारियों की ओर से इस मामले में जांच का कोई निर्देश नहीं मिला है। यदि आदेश मिलता है, तो पूरे मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी।
तेलंगाना सरकार ने किया हस्तक्षेप
सूत्रों की मानें तो एक दिन ही तेलंगाना के दो बीटेक छात्रों की मौत के मामले में तेलंगाना सरकार ने हस्तक्षेप किया है। तेलंगाना सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को फोन कर मामले की जांच कराने की बात कही है। इसके बाद डीएम ने वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिया था। छात्र अखिल के परिजनों का यह भी आरोप है कि कॉलेज प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास करता रहा। कॉलेज प्रशासन ने रविवार की रात को ही पोस्टमॉर्टम कराकर शव ले जाने का दबाव बनाया था।