A woman professor in Lucknow was kept under digital arrest for 22 days and 78 lakh rupees were looted गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो, महिला प्रोफेसर को 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा, हड़पे 78 लाख, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो, महिला प्रोफेसर को 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा, हड़पे 78 लाख

  • राजधानी लखनऊ की महिला प्रोफेसर को सीबीआई अफसर बन 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा। धमकाया कि गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो। 78 लाख रुपये पांच खातों में जमा कर लिए।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानWed, 26 March 2025 08:30 AM
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गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो, महिला प्रोफेसर को 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा, हड़पे 78 लाख

लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में महिला प्रोफेसर ने डिजिटल अरेस्ट कर 78 लाख रुपये वसूले जाने का मुकदमा दर्ज कराया। जालसाज ने सीबीआई अधिकारी बन कर प्रोफेसर को कॉल मिलाई थी। उन पर मनी लांड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाते हुए खाते की जांच करने की बात कही। गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो। फिर 22 दिन तक वीडियो कॉल पर अरेस्ट रखते हुए 78 लाख रुपये पांच खातों में जमा कराए।

व्हाटसएप वीडियो कॉल कर धमकाया

इन्दिरानगर लक्ष्मणपुरी निवासी प्रोफेसर प्रमिला के मुताबिक एक मार्च को अनजान नम्बर से व्हाटसएप वीडियो कॉल आई। करने वाले ने सीबीआई अधिकारी के तौर पर परिचय दिया। कथित अधिकारी ने महिला से कहा कि दिल्ली स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में आपका अकाउंट है। जिसमें बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है। अंदेशा है कि आप मनी लांड्रिंग में शामिल है। ठग को सीबीआई अधिकारी समझ कर महिला घबरा गई। उन्होंने अकाउंट के बारे में जानकारी होने से मना किया। कहा कि वह कभी दिल्ली नहीं गई है। ऐसे में अकाउंट कैसे खुल सकता है। इसके बाद भी आरोपित दबाव डाल कर प्रमिला से आधार कार्ड और अकाउंट की डिटेल हासिल कर ली।

वीडियो कॉल कर महिला को धमकी

एक मार्च को पहली बार कॉल आने के बाद से ही कथित अधिकारी प्रोफेसर पर दबाव बनाने लगा। वीडियो कॉल कर महिला को धमकी दी। बोला कि तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुन कर महिला प्रोफेसर घबरा गई। रियायत मांगने पर आरोपित ने कहा कि खाते में जितने भी रुपये हैं। हमारे बताए खातों में जमा करो। जांच के बाद रुपये आपको लौटा देंगे।

ये भी पढ़ें:साइबर ठगों ने AMU प्रोफेसर को बनाया शिकार, डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 7 लाख ठगे

लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में महिला प्रोफेसर ने डिजिटल अरेस्ट कर 78 लाख रुपये वसूले जाने का मुकदमा दर्ज कराया। जालसाज ने सीबीआई अधिकारी बन कर प्रोफेसर को कॉल मिलाई थी। उन पर मनी लांड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाते हुए खाते की जांच करने की बात कही। गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो। फिर 22 दिन तक वीडियो कॉल पर अरेस्ट रखते हुए 78 लाख रुपये पांच खातों में जमा कराए।

व्हाटसएप वीडियो कॉल कर धमकाया

इन्दिरानगर लक्ष्मणपुरी निवासी प्रोफेसर प्रमिला के मुताबिक एक मार्च को अनजान नम्बर से व्हाटसएप वीडियो कॉल आई। करने वाले ने सीबीआई अधिकारी के तौर पर परिचय दिया। कथित अधिकारी ने महिला से कहा कि दिल्ली स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में आपका अकाउंट है। जिसमें बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है। अंदेशा है कि आप मनी लांड्रिंग में शामिल है। ठग को सीबीआई अधिकारी समझ कर महिला घबरा गई। उन्होंने अकाउंट के बारे में जानकारी होने से मना किया। कहा कि वह कभी दिल्ली नहीं गई है। ऐसे में अकाउंट कैसे खुल सकता है। इसके बाद भी आरोपित दबाव डाल कर प्रमिला से आधार कार्ड और अकाउंट की डिटेल हासिल कर ली।

वीडियो कॉल कर महिला को धमकी

एक मार्च को पहली बार कॉल आने के बाद से ही कथित अधिकारी प्रोफेसर पर दबाव बनाने लगा। वीडियो कॉल कर महिला को धमकी दी। बोला कि तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुन कर महिला प्रोफेसर घबरा गई। रियायत मांगने पर आरोपित ने कहा कि खाते में जितने भी रूपये हैं। हमारे बताए खातों में जमा करो। जांच के बाद रुपये आपको लौटा देंगे।

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22 दिन तक रखी निगरानी

प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद तीन मार्च को जगदंबा ऑयल मिल के खाते में 21 लाख रुपये जमा कराए गए। इसी तरह पांच मार्च को मोक्षा ट्रेडिंग के खाते में पांच लाख, 11 मार्च को मंगाराम के खाते में चार लाख, सिद्धेश के अकाउंट में ढाई लाख और अनिकेत सिंह के खाते में 25 लाख ट्रांसफर कराए। कई दिन गुजरने के बाद भी खाते में रुपये वापस नहीं आने पर पीड़िता को संदेह हुआ। जिसके बाद साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। जिन खातों में रुपये ट्रांसफर हुए हैं। उन्हें होल्ड कराने का प्रयास पुलिस कर रही है।