अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा, विधायकी रहेगी या जाएगी?
मऊ के सीजेएम डॉ.केपी सिंह की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद आज अपना फैसला सुनाया। अब्बास के खिलाफ यह केस 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहाड़पुरा मैदान में एक चुनावी सभा में अफसरों को धमकी दिए जाने के बाद दर्ज किया गया था।

यूपी की मऊ सीट से सुभासपा के विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुना दी है। अब्बास को शनिवार की सुबह ही कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दिया है। मऊ के सीजेएम डॉ.केपी सिंह की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद आज अपना फैसला सुनाया। अब्बास के खिलाफ यह केस 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा मैदान में एक चुनावी सभा में अफसरों को धमकी दिए जाने के बाद दर्ज किया गया था। अब्बास को अलग-अलग धाराओं में कारावास के साथ ही जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। बता दें कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने के बाद किसी विधायक या सांसद की सदस्यता को रद्द किया जा सकता है। हालांकि अब्बास के मामले में उनके वकील हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।
अब्बास अंसारी के इस मामले में आज आने फैसले के मद्देनजर सुबह से ही मऊ कोर्ट में काफी गहमागहमी थी। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। फैसला सुनाए जाने के दौरान विधायक अब्बास अंसारी भी कोर्ट में मौजूद रहे। सजा का ऐलान होते ही उनके चेहरे पर मायूसी छा गई। पेशी के दौरान अदालत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। सीजेएम कोर्ट ने कुछ घंटे पहले ही अब्बास को दोषी करार दिया था।
क्यों, किसने और किन धाराओं में दर्ज कराया था केस
अब्बास अंसारी के खिलाफ एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर मऊ कोतवाली में यह केस दर्ज किया गया था। अब्बास ने तीन मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान की चुनावी सभा में अब्बास ने अफसरों को दी थी धमकी। चुनावी सभा में अब्बास ने कहा था, ‘सरकार बनने पर यहां के किसी अधिकारी का तबादला नहीं होगा, सबका यहीं हिसाब-किताब किया जाएगा।’ अब्बास के खिलाफ धारा 506, 171एफ, 186, 189, 153ए और 120बी के तहत मुकदमा चलाया गया। इलेक्शन एजेंट रहे मंसूर अंसारी भी केस दर्ज हुआ था।
किस धारा में कितनी सजा
विधायक अब्बास अंसारी को अलग-अलग धाराओं में सजा हुई थी। अब्बास को धारा - 120 बी, भादवि (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत 6 माह का साधारण कारावास एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। धारा- 153 ए, भादवि (धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता का संप्रवर्तन और सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य करना) के तहत 2 वर्ष साधारण कारावास और 3 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। धारा-189 भादवि (लोक सेवक को क्षति कारित करने की धमकी) के तहत 2 वर्ष की सजा 3 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया गया है। धारा- 171 एफ भादवि (निर्वाचनों में असम्यक असर डालने या प्रतिपरूपण) के लिए छह माह और 2 हजार रुपये अर्थदंड, धारा-506 भादवि (आपराधिक अभित्रास) के लिए एक वर्ष की सजा 2 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई। वहीं मंसूर अंसारी को धारा 120 बी भादवि में छह माह की सजा और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।