32 ग्राम प्रधान और सचिव पर ऐक्शन, लापरवाही पर डीपीआरओ ने जारी की नोटिस
- यूपी के अंबेडकरनगर में 32 ग्राम प्रधान और सचिव पर ऐक्शन हुआ। लापरवाही पर इन प्रधानों और सचिवों को डीपीआरओ ने नोटिस जारी किया है। चेतावनी दी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अंबेडकरनगर जिले के सभी 899 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव के रूप में तैयार करने की योजना पूरी तरह से धराशायी हो गई। ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव की लापरवाही के चलते ही ग्रामीणों को योजना का समुचित लाभ नहीं मिल सका है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के 330 गांव को मॉडल गांव के रूप में संतृप्त किया जाना था, लेकिन तमाम निर्देश के बाद भी 32 गांव पूरी तरह से संतृप्त नहीं हो सके। इसे गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए डीपीआरओ अवनीश श्रीवास्तव ने संबंधित 32 गांवों के ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। चेतावनी दी है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शहरी क्षेत्र के लोगों की तरह ही गांव में रहने वालों लोगों को भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए मॉडल गांव तैयार करने की योजना 2022-23 से प्रारंभ हुई थी। इसके तहत ग्राम पंचायतों में सुचारु आवागमन, बेहतर साफ सफाई व्यवस्था, पेयजल सुविधा, प्रकाश व्यवस्था के साथ ही अन्य सुविधाएं ग्रामीणों को प्रदान की जानी है। इसके अलावा गांव की गलियों में कूड़ा वाहन द्वारा कूड़ा एकत्र किए जाने की भी व्यवस्था योजना के तहत की गई है। हालांकि योजना का शतप्रतिशत लाभ दिलाने के लिए ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा अक्सर लापरवाही बरते जाने की शिकायत सामने आती रहती है।
इसी का नतीजा है कि योजना का बेहतर तरीके से लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। डीपीआरओ कार्यालय के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 330 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव के रूप में संतृप्त किए जाने का लक्ष्य दिया गया था। हालांकि तमाम निर्देश के बाद भी नरकटा बैरागी, तिलकारपुर, महमूदपुर, बेरगा, दुल्हूपुर कला, जैतीपुर, मीरपुर, मुरवाह, मंगोलपुर, मंगोलपुर द्वितीय, रामपुर मलिकपुर, रायपुर समेत 32 गांव को वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक पूरी तरह से मॉडल गांव के रूप में संतृप्त नहीं किया जा सका। इससे पहले वर्ष 2022-23 में 28 जबकि वर्ष 2023-24 में 541 गांव को मॉडल गांव के रूप में संतृप्त किया गया था। ऐसे में वर्ष 2024-25 में सभी 899 ग्राम पंचायतों को शतप्रतिशत मॉडल गांव के रूप में संतृप्त किए जाने के लक्ष्य को पूरा किया जाना था, लेकिन तमाम केाशिशों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
नरकटा बैरागी के मेवालाल व जैतीपुर के गंगाराम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब उनके गांव को मॉडल गांव के रूप में चयनित किए जाने की जानकारी हुई थी, तो लगा कि अब उन्हें भी शहरी क्षेत्र जैसी सुविधा मिलने लगेगी, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते ऐसा नहीं हो सका। कार्य में बरती जा रही लापरवाही की शिकायत जिम्मेदारों से की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी का नतीजा है कि निर्धारित समय पर गांव को मॉडल गांव के रूप में संतृप्त नहीं किया जा सका। तिलकार के रामकुमार व महमूदपुर के तिलकराम ने कहा कि उच्चाधिकारियों को चाहिए कि अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रकार की लापरवाही आगे न हो।
नोटिस जारी कर मांगा है स्पष्टीकरण
डीपीआरओ अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिन 32 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव के रूप में संतृप्त नहीं किया जा सका है, वहां के ग्राम प्रधान व सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो कार्रवाई की जाएगी।