नजरुद्दीन बोला, पिता और भाइयों को फंसाना चाहता था
Agra News - जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर रखने वाले नजरुद्दीन ने कहा कि उसे किसी ने नहीं भेजा था। उसने अपने पिता और भाइयों को फंसाने के लिए यह किया। पुलिस को शक है कि यह बवाल कराने की साजिश हो सकती है। आरोपी...

जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर रखने वाला नजरुद्दीन देर रात तक यही कहता रहा कि उसे किसी ने नहीं भेजा था। वह तो अपने पिता और भाइयों को फंसाना चाहता था। सिर के साथ पिता का पैनकार्ड भी छोड़कर आया था। वह कुछ छिपा तो नहीं रहा, इस आशंका के चलते देर रात तक आरोपी से पूछताछ जारी थी। घटना के बाद पुलिस यह मानकर चल रही थी कि बवाल कराने की साजिश है। जब आरोपी मुस्लिम निकला तो पुलिस हैरान रह गई। पुलिस को लगा इंतजामिया कमेटी को लेकर दो गुटों में चल रही तकरार इसकी वजह हो सकती है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने इस वजह से भी इनकार कर दिया। आरोपी बोला कि उसे तो अपने पिता और भाइयों को फंसाना था। पूरी संपत्ति पर कब्जा करके बैठे हैं। पिता का जूते का कारोबार है। भाइयों के पास कपड़े की दुकानें हैं। उसके पास कोई काम नहीं। वह खर्चे के लिए पिता से रुपये मांगता है। आरोपित की बात सुनकर पुलिस को लगा कि वह झूठ बोल रहा है। पुलिस ने उसके साथ सख्ती की तब भी उसने यही बताया। कहा कि थैले के साथ पिता का पैनकार्ड छोड़ा था। उसे यह नहीं पता था कि पुलिस उसे पकड़ेगी। उसे लगा कि पैनकार्ड देखकर पिता को पकड़ लेगी। जेल भेज देगी। उसने सुन रखा था कि जानवर का सिर मस्जिद में रखना बड़ा अपराध होता है। इससे बवाल हो जाता है।
पुलिस ने आरोपी के बारे में इलाके में छानबीन की। लोगों ने बताया कि आरोपित का परिवार मूलत: काजीपाड़ा का निवासी है। वर्तमान में काजीपाड़ा वाले घर में एक भाई रहता है। परिवार के अन्य सदस्य शाहगंज के कोलिहाई इलाके में रहते हैं। पिता का जूते का कारखाना अच्छा चलता है। नजरुद्दीन का पूर्व में मानसिक चिकित्सक से इलाज भी चला है। वह रुपयों के लिए कुछ भी कर सकता है। पिता ने पूर्व में उसे पानी का प्लांट खुलवाया था। उसने उसे भी बंद करा दिया। अब उसे किराए की रकम से कुछ खर्चा दिया जाता है। वह पैसे के लिए परेशान रहता है। इधर-उधर भटकता रहता है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे थे। आरोपी स्कूटर से आया था। स्कूटर भी उसके पिता का था।
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