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बोले अलीगढ़: डिजिटल ट्रेनिंग से आसान हुई 'काबा' की राह

  • हज इस्लाम धर्म का सबसे बड़ा इबादत है, जिसे पूरा करने के लिए हर एक मुसलमान काबा की यात्रा करना चाहता है। इसे ही हज यात्रा कहा जाता है। माना जाता है कि काबा 'अल्लाह का घर' है, जो सऊदी अरब के मक्का शहर में स्थित है।

Sunil Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 14 April 2025 06:25 PM
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बोले अलीगढ़: डिजिटल ट्रेनिंग से आसान हुई 'काबा' की राह

हज यात्रा, इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने के 8वें दिन से लेकर 13वें दिन तक की जाती है। इस वर्ष हज यात्री भारत से 29 अप्रैल से 30 मई के बीच सऊदी जाएंगे। हज के मुख्य अनुष्ठान 3 जून से 8 जून के बीच होंगे।

कभी मस्जिद और मदरसों में हज यात्रियों की ट्रेनिंग कराई जाती थी, जो कम ही फायदेमंद साबित होती थी। पर अब डिजीटल ट्रेनिंग हज यात्रियों की राह को आसान कर रहा है। डिजीटल ट्रेनिंग में काबा और पांच दिन होने वाले अनुष्ठान का लाइव डेमो ट्रेनर द्वारा दिया जाता है। जिससे हज यात्रा को समझने में आसानी हुई है। यह डिजीटल ट्रेनिंग अलीगढ़ के हज ट्रेनर तौफिक अहमद यूपी वेस्ट में दे रहे।

हज यात्रा को लेकर अलीगढ़ में बेहद ही उत्साह देखने को मिल रहा है। यात्रा को लेकर एएमयू ऑडिटोरियम समेत अन्य जगहों पर ट्रेनिंग का दौर शुरू है। हज यात्रा के दौरान जायरीन क्या करें और क्या न करें की जानकारी दी जा रही है। इस वर्ष अलीगढ़ से 269 जायरीन हज यात्रा को रवाना होंगे। उत्तर प्रदेश हज समिति द्वारा निरंतर दो माह से गूगल मीट, ऑनलाइन प्रोजेक्टर के माध्यम से जायरिनों को ट्रेनिंग दी जा रही है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय दिल्ली मास्टर हज ट्रेनर मोहम्मद मुनीस खान ने चलचित्र के माध्यम से हज यात्रियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में पानी पीने का खास ख्याल रखें, धूप का चश्मा और छतरी का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें। क्योंकि वहां का तापमान 40 से 50 डिग्री रहता है। कम से कम तीन-चार किलोमीटर पैदल चलने का प्रतिदिन अभ्यास करें। मक्का में प्रतिदिन हाजी कम से कम 10-12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। हाजी अपना आई कार्ड और हाथ का कड़ा हर वक्त पहना रहे। जिससे 35 से 40 लाख की भीड़ में भटकने से बच सकेंगे। हज ट्रेनर तौफीक अहमद खान ने बताया कि हज के पांच दिन में कौन-कौन से अरकान करने है। उसकी जानकारी पावर पॉइंट प्रोग्राम के माध्यम से ऑडिटोरियम के बड़े पर्दे पर मीना, अरफात, मुजदलफा, और शैतान को कंकरी मारने की जानकारी दी और तवाफे जियारत के तरीके बताएं। हज यात्रियों को लगेज ले जाने के सिलसिले की जानकारी, हवाई यात्रा कैसे करें, इमीग्रेशन, पासपोर्ट एवं सिक्योरिटी चेक के बारे में हाजियों विशेष ट्रेनिंग दी गई।

हज के आठ रिवाज

इहराम : हज के मामले में जिस पहले रिवाज का पालन करना होता है वह है ‘इहराम’। अरबी शब्द इहराम उस स्थिति को बताता है, जिसमें कोई व्यक्ति ख़ुद को हर तरह के पाप और निषिद्ध गतिविधियों से दूर रखता है।

बाल- नाखून नहीं काटना: हज यात्रा से पहले किसी से झगड़ा या विवाद नहीं करना, बाल और दाढ़ी नहीं काटना, हाथ-पैर के नाखून नहीं काटना, जीव हत्या या रक्तपात नहीं करना और चुगली करने या दूसरों के निंदा से दूर रहना शामिल है।

काबा की परिक्रमा : इहराम के बाद हज पालन का दूसरा रिवाज है, इस्लाम के सबसे पवित्र स्थान काबा की सात बार परिक्रमा करना। यह परिक्रमा पैदल ही उल्टी दिशा में की जाती है।

मरवा पहाड़ियों पर दौड़ : सफ़ा और मरवा पहाड़ियों के बीच सात बार दौड़ना हज पालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सात बार दौड़ के जरिए इस्माइल औन मां हाजिरा को सांकेतिक तौर पर याद किया जाता है।

अराफ़ात मैदान में रहना : मीना में रात बिताने के बाद दूसरे दिन हजयात्री अराफ़ात के मैदान के लिए रवाना हो जाते हैं। उसके बाद पूरे दिन वहां रह कर दुआ करना का एक महत्वपूर्ण धार्मिक संस्कार माना जाता है।

शैतान को पत्थर मारना: हज के सबसे महत्वपूर्ण रिवाजों में से एक शैतान पर पत्थर फेंकना है। मुज़दलिफ़ा से आते समय तीर्थयात्री सात कंकड़ या छोटे पत्थर लेकर मीना आते हैं। हजयात्री अपने साथ लाए सातों पत्थरों को उस दीवार पर फेंकते हैं।

कुर्बानी : हज के तीसरे दिन गाय, बकरी, भैंस या ऊंट की कुर्बानी दी जाती है। मान्यता मुख्यतः अल्लाह के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए ही यह क़ुर्बानी दी जाती है।

सिर मुंडवाना : सिर मुंडवाना भी हज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पशुओं की कुर्बानी के बाद उसी दिन सिर मुंडाया जाता है। बाल मुंडवाना मूल रूप से हज की शुरुआत में इहराम की स्थिति से मुक्ति के प्रतीकात्मक कार्यों में से एक है।

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हज सुविधा ऐप करेगा मदद

ट्रेनर अब्दुल समद ने हज सुविधा एप के बारे में बताया, जिसके माध्यम से हज यात्रियों को यात्रा के दौरान हर प्रकार की सुविधा मिल सकेगी। इस एप का उपयोग करके यात्री अपने यात्रा से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि हज के विभिन्न स्थानों की जानकारी, स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य जरूरी मार्गदर्शन।

इन बातों का रखें ध्यान

- हज पर जाने से पहले हर यात्री को अपना मेडिकल चेकअप जरूर करा लें।

- अगर कोई ब्लड प्रेशर का मरीज है तो उन्हें अपनी दवा साथ रखनी होगी।

- उम्र ज्यादा या अधिक बीमार रहते हैं तो कोशिश करें कि हज यात्रा ना करें।

- हज यात्रा के दौरान खुराक कम से कम लें, ताकि किसी डॉक्टर की जरूरत ना पड़े।

- यात्रा के दौरान जितना हो सकें, उतना कम से कम सामान ले जाएं।

- आपके साथ कोई बीमार व्यक्ति सफर कर रहा है तो उसका खास ख्याल रखें।

बोले हज यात्री

हज यात्रा पर जाने के लेकर उत्साह है। ट्रेनिंग में बताए गए सभी निर्देशों पर गौर करने की जरूरत है। आपकी ट्रेनिंग ही आपको काबा की राह तक आसानी से पहुंचा सकती है।

मो. हंजला, जायरीन

हज यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। नियमित चार से पांच किलो मीटर पैदल चलने का अभ्यास कर रहे हैं। हज यात्रा सफल हो बस यही दुआ है।

मो. अजीमुद्दीन

पिछले तीन माह में हज ट्रेनरों द्वारा बेहद ही अच्छी ट्रेनिंग दी गई है। डिजिटल ट्रेनिंग से मक्का की चप्पे चप्पे की जानकारी मिली है। जो यात्रा में मददगार साबित होगी।

मो. ताहिर

हज यात्रा में बेहद ही पाक यात्रा है। एक प्रकार से अल्लाह मिलन की यात्रा है। खुद को खुशनसीब समझता हूं कि इस बार लकी ड्रॉ में मेरा नंबर आ गया।

मो. सफीक

ट्रेनिंग से मिली जानकारी काफी मददगार साबित होगी। हम अपने साथ साथ दूसरे लोगों का भी ध्यान रख सकेंगे। किसी को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

मो. अब्दुल

पिछले दो माह से हज जायरिनों को बारीकी से जानकारी दी गई। ट्रेनिंग के दौरान बताई गई बातों को अवश्य ध्यान में रखें। एक दूसरे की मदद करते रहें।

अब्दुल समद, ट्रेनर

हज यात्रा को लेकर अभी से पैदल चलने का प्रयास कर रहे। अधिक से अधिक तापमान को बर्दाश्त कर सके उसका अभ्यास भी जारी है। यात्रा सुखद होगी।

इरफान

ट्रेनिंग के अनुसार बीपी और अन्य बीमारी वाले जायरीन अपना ध्यान रखें। दवा और इन्हेलर आदि अपने पास अवश्य रखें। साथ पहचान पत्र गले में लगाकर ही रखें।

वफात अली

कड़ा और आईडी कार्ड हमेशा हाथ में ही होना चाहिए। पांच दिवसीय अनुष्ठान में लाखों की संख्या में भीड़ जमा होगी। ऐसे में संभलकर रहने की आवश्यकता है।

मो. शाकिर

सरकार और हज कमेटी द्वारा बेहतरीन व्यवस्था की गई है। जायरीनों का ध्यान रखने के लिए करीब 400 से अधिक विशेषज्ञों की टीम पहले से ही वहां मौजूद होगी।

मो. जियाउद्दीन

हज यात्रा की चाह वर्षों से थी, पर इस वर्ष यात्रा के लिए लॉटरी निकली है। यात्रा के लिए ट्रेनिंग पूरी हो गई है। ट्रेनिंग में बताए निर्देशों का अभ्यास जारी है। मई माह में यहां रवाना होने की संभावना है।

जबरूल हुसैन

पांच दिन होने वाले विशेष अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर मिल रहा है। मैं और मेरा परिवार बहुत खुशनसीब है कि अल्लाह उन्हें इससे नवाजा है।

मो. अदनान

दो माह चली हज ट्रेनिंग में बहुत ही अच्छी जानकारी दी गई है। माई माह में फ्लाइट से रवाना होना है। पासपोर्ट, आईडी कार्ड सब अभी से सलामत रख लिए हैं।

फैजुल रहमान

यात्रा के दौरान सऊदी भ्रमण का भी मौका मिलेगा। सऊदी सरकार ने हाजियों के लिए बेहद ही उम्दा व्यवस्था की है। यात्रियों की मदद सुविधा ऐप करेगा।

मो. फारूक

डिजीटल हज यात्रा में अहम भूमिका निभा रहा है। इस ऐप पर यात्रा से संबंधित, डॉक्टर, ट्रांसपोर्ट, मेडिसिन आदि सुविधा दी गई है। यात्री परेशान नहीं होंगे।

हसीना बेगम

पांच दिन अनुष्ठान में कैसे क्या करना है। किस प्रकार एयरपोर्ट से मक्का तक पहुंचना है। सभी जानकारी ट्रेनिंग में दे दी गई है। इससे किसी को भटकना नहीं पड़ेगा।

जहीर अहमद

यात्रा को लेकर अभी से इहराम का प्रयोग शुरू कर दिया है। ताकि आदत बनी रहे। जितनी मनाही की गई, उन्हें पूरा कर रहे हैं। अब कुर्बानी के बाद ही यह खत्म होगा।

सफी मोहम्मद

हज कमेटी जायरीनों की जरूरत का ख्याल रख रही है। ट्रेनिंग में सिखाया गया कि कैसे वहां काम कर रहे दुनिया के लोगों की मदद करना है।

सकील

जकात देने में कोई कमी नहीं करेंगे। हमारी ही जकात और कुर्बानी की रकम से गरीब देशों को मदद मिलती है। औरों से भी यही अपील है कोई कमी न करें।

रुकसाना

मैंने अभी तैयारी कर ली है। और लोगों से भी अपील करूंगा कि भारत से कुछ रियाल अपने पास रखकर लें जाएं, ताकि वहां भीड़ में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

सारिक अहमद

जकात के जरिए गरीब और मजलूम लोगों की मदद करेंगे। पर उन्हें कोई रियाल नहीं देंगे, जिन्होंने मांगने को ही अपना पेशा बना लिया है। ऐसों से दूर रहें।

कमरूद्दीन

ट्रेनिंग को पूरा करने में कोई कमी नहीं रही। अब आखिरी ट्रेनिंग में दूसरे से भी जानकारी हासिल करेंगे। मंच से अनुभवी लोगों ने अनुष्ठान की जानकारी साझा की है।

रिजवान अली बेग

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