पहलगाम हमले पर हिन्दू-मुसलमान वाला बयान देकर बुरे फंसे रॉबर्ट वाड्रा, शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई
पहलगाम हमले के बाद आतंकी वारदात को लेकर हिन्दू और मुसलमान वाला बयान देकर रॉबर्ट वाड्रा फंस गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शुक्रवार को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई होगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पहलगाम हमले के बाद अपने बयान की वजह से कानूनी झमेले में फंसते दिख रहे हैं। वाड्रा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेच में एक याचिका दायर की गई है जिस पर शुक्रवार (2 मई) को डबल बेंच में सुनवाई होगी। वाड्रा ने पहलगाम हमले के बाद एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में देश के माहौल का जिक्र करते हुए कहा था कि ऐसी भावना पैदा हो रही है कि हिन्दुओं द्वारा मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं।
हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस और दूसरे संगठनों द्वारा दायर याचिका में रॉबर्ट वाड्रा पर भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। साथ ही वाड्रा के बयान की जांच करने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाने की भी अपील की गई है। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच के सामने यह मामला बुधवार को लिस्ट हुआ था लेकिन समय की कमी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब शुक्रवार को इस याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।
मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे, हमले से PM मोदी को संदेश; पहलगाम पर क्या बोल गए वाड्रा
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। हमले के बाद यह दावा किया गया था कि आतंकियों ने मारने से पहले कुछ लोगों से नाम पूछे और धर्म की पहचान करने के बाद हत्या की। इसी मसले पर वाड्रा ने कहा था कि “यदि आप इस आतंकवादी हमले का विश्लेषण करते हैं, यदि वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान देख रहे थे, तो वे ऐसा क्यों कर रहे थे? क्योंकि अपने देश में हिन्दू और मुसलमान के बीच खाई पैदा हो गई है।… इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिन्दू सभी मुसलमानों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं।… पहचान करना और फिर हत्या करना, यह एक संदेश है। यह प्रधानमंत्री के लिए भी एक संदेश है। क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं।”