नई पहल : ईमेल से जेल पहुंचेगा परवाना, आसान होगी रिहाई
Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। बिजनौर जेल में बंद जिले के कैदियों को रिहाई से जुड़ी औपचारिकता पूरी होने में अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। न्यायालय से जमानत म

बिजनौर जेल में बंद जिले के कैदियों को रिहाई से जुड़ी औपचारिकता पूरी होने में अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। न्यायालय से जमानत मंजूर होते ही उनकी रिहाई का परवाना सिर्फ एक क्लिक में ईमेल के माध्यम से जेल प्रशासन तक पहुंच जाएगा। अधिवक्ताओं की मांग से जुड़े बार एसोसिएशन जनपद अमरोहा के इस प्रस्ताव पर जिला जज जफीर अहमद ने अपनी मुहर लगा दी है। इतना ही नहीं इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी न्यायालयों को आदेश भी जारी कर दिया है। जिला न्यायालय साल 2010 में जोया रोड पर प्रशासनिक कार्यालयों के नजदीक नई इमारत में शिफ्ट किया गया था। इससे पहले जिला न्यायालय का संचालन अमरोहा शहर के मोहल्ला कोट चौराहे पर नगर पालिका अमरोहा से सटे एक पुराने भवन से किया जाता था। वहीं, फिलवक्त सिविल व क्राइम केस में यहां करीब 900 अधिवक्ता प्रेक्टिस कर रहे हैं। न्यायालयों की संख्या बढ़ने के साथ मुकदमों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में जेल नहीं होने के कारण कैदियों को पहले मुरादाबाद जिला कारागार भेजा जाता था ये व्यवस्था बीते साल तक ऐसे ही चलती रही। अमरोहा-मुरादाबाद की दूरी करीब 35 किमी थी लिहाजा परवाना भेजने के बाद अगले दिन सुबह में अमरोहा जिले के कैदियों की रिहाई कर दी जाती थी लेकिन मुरादाबाद जेल की बैरकों में कैदियों की संख्या अधिक होने से अब जिले से कैदियों को बिजनौर जिला कारागार भेजा जा रहा है। अमरोहा जिले से बिजनौर की दूरी करीब 70 किमी है। सफर में करीब दो घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। इस कारण परवाना भेजने के बाद भी अगले 24 घंटे में कैदियों की रिहाई नहीं हो पा रही थी। बार अध्यक्ष सलीम अहमद खां और महासचिव सतीश कुमार त्यागी ने न्यायिक अधिकारियों से वार्ता कर जेल प्रशासन को परवाना भेजने की व्यवस्था ऑनलाइन कराने का प्रस्ताव रखा था। बार अध्यक्ष सलीम अहमद खां ने बताया कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। सभी न्यायालयों से अब परवाना ई-मेल के माध्यम से ही भेजा जाएगा।
जिला जजी से पहले ऐसे भेजा जा रहा था परवाना
अमरोहा। किसी भी अभियुक्त की जमानत मंजूर होने के बाद पहले पैरोकार न्यायालय का लिखित आदेश लेकर जेल जाता था। दूसरे जनपद की जेल होने के कारण अमरोहा जिले के अभियुक्तों की रिहाई अगले दिन मुमकिन हो पाती थी। अब ई-मेल के माध्यम से परवाना भेजने की नई व्यवस्था से अधिवक्ताओं के साथ ही वादकारियों की मुश्किलें कम हो जाएंगी।
-बीते दिनों बार एसोसिएशन की ओर से मैंने इस प्रस्ताव को न्यायिक अधिकारियों के समक्ष प्रमुखता से रखा था। उन्हें बताया था कि जमानत मिलने के बाद भी अभियुक्तों को अगले 24 घंटे जेल में ही गुजारने पड़ते हैं क्योंकि परवाना देर से पहुंचने और रिहाई से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होने में काफी समय लग जाता है। इससे अधिवक्ताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब जिला जज जफीर अहमद द्वारा परवाना ईमेल के माध्यम से जेल प्रशासन को भेजने का आदेश जारी कर दिया गया है। सभी अधिवक्ता इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
सलीम अहमद खां, अध्यक्ष बार एसोसिएशन जनपद अमरोहा
बोले अधिवक्ता:
: ऑनलाइन परवाना भेजने की नई व्यवस्था शुरू होने से अभियुक्तों के साथ वादकारियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी, इस दिशा में बार एसोसिएशन का यह कदम सराहनीय है।
शाहरूख खान, अधिवक्ता
: जिले में जेल निर्माण कराने को लेकर भी अधिवक्ताओं को एकजुट होने की जरूरत है, इस संबंध में भी प्रशासनिक अफसरों को ज्ञापन सौंपा जाए तो बेहतर रहेगा।
भक्रमपाल सिंह राणा, अधिवक्ता
: अधिवक्ता समाज के लिए बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने इस प्रस्ताव को मंजूर कराकर बेहद सराहनीय कार्य किया है। युवा अधिवक्ता हर मुद्दे पर पूरी तरह से बार के साथ खड़े हैं।
मोहम्मद अनस, अधिवक्ता
: अमरोहा से पहले कैदियों को मुरादाबाद जेल भेजा जा रहा था, दूरी करीब 35 किमी थी लेकिन अब बिजनौर जेल भेजे जाने से करीब 70 किमी का चक्कर होने से परेशानी थी, ई-मेल द्वारा परवाना भेजने से किसी हद तक लोगों की मुश्किल आसानी हो जाएगी।
शराफत अली, अधिवक्ता
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