गन्ना किसान सावधान : 'टॉप बोरर' कीट फसलों को पहुंचा रहा नुकसान
Amroha News - मौसम में परिवर्तन के कारण गन्ने की फसल में टॉप बोरर कीट का प्रकोप बढ़ रहा है। यह कीट गन्ने के उत्पादन को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कृषि विभाग ने किसानों को इस कीट के...

मौसम में उतार चढ़ाव के चलते गन्ने की फसल में टॉप बोरर नामक कीड़ा अपना असर दिखा रहा है। यह कीट गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। यदि जल्द कीट की रोकथाम नहीं की गई तो गन्ने के उत्पादन में भारी गिरावट आएगी। फसल में रोग, कीट के चलते गन्ना उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है। गन्ना जिले के किसानों की गन्ना मुख्य फसल है, जिसकी खेती पर अधिकतर किसानों की आय निर्भर करती है। जिले में एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर गन्ने की खेती की जा रही है। इस समय गन्ने की फसल में टॉप बोरर नामक बीमारी का असर दिख रहा है। इसके असर से गन्ने का उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप कम हो जाता है। कृषि व गन्ना विभाग ने इस कीट से बचाव के लिए किसानों को आवश्यक जानकारी दी है।
बताया कि टॉप बोरर नाम का यह कीट गन्ने की फसल के लिए घातक होता है। जिसके असर से गन्ने का उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाता। यह कीट गन्ने की फसल में वर्षभर कभी भी आ जाता है। इसलिए किसानों को समय-समय पर कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर फसल का उपचार करना चाहिए। जिससे गन्ने का उत्पादन अपेक्षा के अनुरूप हो और किसानों की आय में भी वृद्धि हो।
इस कीट का ऐसा होता है असर
कृधि विशेषज्ञों ने बताया कि टॉप बोरर कीट एक सुंडी कीड़ा है, जो गन्ने के पौधे की पत्ती के माध्यम से तने में प्रवेश करता है। इस कीट का जीवन चक्र एक साल में 5 से 6 बार हो सकता है। बताया कि गन्ने के ऊपरी भाग की कोमल पत्तियों को लपेट कर यह कीड़ा अंदर छेद बनाकर तने में घुस जाता है और उस स्थान से ऊपर से नीचे की ओर सुरंग बनाने का काम करता है। टॉप बोरर के प्रकोप से गन्ने के ऊपरी हिस्से में छोटे-छोटे कल्ले निकल जाते हैं, जिनमें गन्ना नहीं बनता और गन्ने का विकास रुक जाता है।
गन्ने की फसल में रोग व कीट से बचाव को समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता रहता है। विभाग द्वारा गठित टीम खेतों का निरीक्षण कर रोग व कीट की रोकथाम के लिए किसानों को जानकारी देंगी।
मनोज कुमार, जिला गन्ना अधिकारी
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