बोले हरदोई: बल्लियों पर निकले तार, सड़कें गड्ढेदार
Hardoi News - हरदोई के धन्नूपुरवा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यहाँ डॉक्टरों और शिक्षकों समेत कई पेशेवर रहते हैं, लेकिन नगर पालिका सीमा में न होने के कारण लोग नालियों, सड़कों, और साफ-सफाई जैसी समस्याओं...

हरदोई। हरदोई देहात ग्राम पंचायत के अंतर्गत आरटीओ कार्यालय से सटे धन्नूपुरवा क्षेत्र में बसे मोहल्ले और कॉलोनियां बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शहर से सिर्फ दो किमी दूरी पर स्थित इस इलाके में डॉक्टरों, इंजीनियरों, अध्यापकों समेत सैकड़ों पेशेवरों ने अपना घर बना रखा है। बड़ी संख्या में कई पुश्तों से बसे ग्रामीणों के भी घर हैं पर नगर पालिका सीमा विस्तार न होने से इलाके को अब तक नगरीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। आज भी यहां लोग सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। धन्नूपुरवा की आबादी भले तीन हजार से ज्यादा हो, मगर सुविधाओं की बात करें तो यहां बेइमानी होगी। अब यहां समस्या एक हो तो बात की जाए। नाली, सड़क, जलनिकासी जैसे कई समस्याएं आज परेशान कर रही हैं। गड्ढेार सड़कों पर तो चलने का मन तक नहीं होता। सफाई व्यवस्था धड़ाम होने से बाहर पसरी गंदगी घरों की शोभा बिगाड़ रही है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से मजीद बताते हैं कि बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार घर पहुंच रहे हैं। वहीं, गड्ढेदार सड़क भी खूब दर्द देती है। इसका हल निकलना चाहिए।
डालचंद बताते हैं कि को तो शहर के पास में बसे हैं पर मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर हैं। मेरे घर के आसपास से लेकर पूरे मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कई जगहों पर जलभराव है। नियमित सफाई न होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। कई नर्सिंग होम होने के बावजूद रास्ते इतने जर्जर हैं कि मरीजों को आने-जाने में भारी दिक्कत होती है। बारिश के मौसम में हालात और भी ज्यादा बिगड़ जाते हैं। घर बाहर निकलते हैं तो गड्ढेदार रास्तों पर झटके खाते हुए जाने के लिए मजबूर होते हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से बारिश के दिनों में हालात और भी ज्यादा बदतर हो जाते हैं।
पोल तो खड़े कर दिए पर तार लगाना भूले: हसीन बताते हैं यहां की कई गलियों में पोल तो कई मकानों के सामने खड़े हैं पर तारों का अता-पता नहीं है। इसी तरह कई गलियों में तो के खंभे भी नहीं लगाए गए हैं। घर तक बिजली की केबल लाने के लिए बांस-बल्ली का सहारा लेना पड़ रहा है। दूर पोल होने के कारण काफी लंबी केबल लाए, तब बिजली का इन्तजाम कर पाए। संतोषी और कांती बताती हैं कि सड़क के नाम पर 10-12 फुट की जगह छोड़ दी गई है। सालों बाद भी यह रास्ता कच्चा है। घर के सामने गली में दोनों तरफ नालियां भी नहीं बनी हैं। घर में नहाने, कपड़े धोने, सफाई के बाद निकलने वाला गंदा पानी मकान के बाहर रास्ते पर ही गड्ढों में जमा होता है। प्रह्लाद और अजय तिवारी का कहना है कि धन्नु पुरवा में बसी नई-नई कॉलोनियां आधुनिक है। लोग पढ़े-लिखे और जागरूक हैं पर सुविधाओं के अभाव ने उन्हें गांव से भी बदतर स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। शिवम ने बताया कि बड़ा गंदा नाला पूरे शहर की नालियों का पानी छोहा नाले तक ले जाता है।
शिकायत
1. नाली और सड़क न होने से पानी भरा रहता है, लोगों का चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है।
2. बिजली की सप्लाई अनियमित रहती है। ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड से बार-बार फुंक जाते हैं।
3. साफ-सफाई के अभाव में मच्छरों और बदबू का गढ़ बन गया है इलाका।
4. कई गलियों में बिजली के पोल ही नहीं हैं, कहीं पोले हैं तो तार नहीं। इससे हादसे का डर बना रहता है।
5. नगर पालिका सीमा में न होने से कोई सुनवाई नहीं होती।
6. शराबियों और जुआरियों की भीड़ से बच्चों और महिलाओं का निकलना दूभर है।
7. खुले नाले में गंदगी और जानवर, गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन चुका है।
समाधान
1. धन्नूपुरवा को नगर सीमा में शामिल कर शहरी सुविधा दिलाई जाएं।
2. सभी कॉलोनियों में सड़क और नाली निर्माण कराकर जल निकासी करायी जाए।
3. कूड़ा प्रबंधन और नियमित सफाई का ठोस प्रबंध किया जाए।
4. बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ कर पोल और बिजली तार हर गलियों में लगाए जाएं।
5. शराबियों और जुआरियों पर निगरानी के लिए पुलिस चौकी बनवाई जाए। ताकि इन पर रोक लगे।
6. बड़े नाले को पक्का कर ढक्कन और सफाई की व्यवस्था की जाए। जलभराव से राहत मिले।
7. पक्की गलियां बनें। कूड़ेदान रखवाए जाएं, जिससे खाली प्लाट कूड़ाघर न बनें।
बोले बाशिंदे
हमारे यहां घर के पास नहीं कोई सड़क है और न नाली। शहर से सटे होने का कोई लाभ नहीं मिल सका। रोज घर से निकलते वक्त परेशानी होती है। - अजय कश्यप
घर के पास बिजली के पोल लगवाए जाएं। बिजली पोलों पर तार चढ़वाए जाएं। अभी आए-दिन फॉल्ट होने पर हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। -साबिर
नगरीय सुविधाएं नहीं उपलब्ध होने से यहां के लोगों का जीवन नर्क हो गया है। मूलभूत सुविधाएं देने के लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी लेनी होगी। -धर्मेंद्र
बच्चों को अब स्कूल भेजने में डर लगता है। शराबी हर नुक्कड़ पर मिलते हैं। पुलिस हफ्ते में कम से कम एक बार गश्त कर कार्रवाई करे। -मजीद
सड़कें कीचड़ से लथपथ रहती हैं। टूटी सड़कें हर रोज आने-जाने में दर्द देती हैं। मोहल्ले में लच्चों और बुजुर्गों के लिए पैदल चलना तक मुश्किल होता है। -हसीन
नालियों का पानी बारिश में उफनाकर घरों तक पहुंच जाता है। आए दिन बीमारियां अपना प्रकोप फैला देती हैं। सफाई कर्मचारी भेजकर सफाई कराएं। -डालचंद्र
बिजली दिन में आती है पर जरा सी हवा चलते ही रात को गुल हो जाती है। इससे बच्चे गर्मी में सो नहीं पाते। पोल लगवाकर इन असुविधा से राहत दिलाएं। - संतोषी
क्षेत्रमें पुलिस गश्त की व्यवस्था बिल्कुल शून्य पड़ी है। कोई रात में बीमार हो जाए तो घर से निकलने में डर लगता है। असुरक्षा महसूस होती है। -कांती देवी
पूरा नाला कचरे से पटा हुआ है। पास से गुजरना भी मुश्किल है, दुर्गंध से हर कोई परेशान है। इसे पक्का बनवाकर जगह जगह कवर्ड कराया जाए। - प्रह्लाद
कोई मैदान न होने से बच्चों का खेलना बंद हो गया है। चारों तरफ गंदगी और जानवरों का खतरा। एक खेल मैदान बनवाया जाए। ताकि थोड़ी राहत मिले। -अजय तिवारी
मोहल्ले में मरे जानवर पड़े रहते हैं। दुर्गंध परेशान करती है। जानकारी देने पर प्रधान , पंचायती राज विभाग और जिला प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता। -नीरज
मोहल्ला नगर पालिका में शामिल नहीं किया गया। इसलिए हजारों नागरिक दंश झेल रहे हैं। अधिकारी भी नहीं सुनते हैं। -शिवम कश्यप
मोहल्ले में सफाई कर्मचारी महीनों से नहीं दिखे। कूड़ा उठा कर ले जाने की बात तो बेईमानी है। अब लोग खुद झाड़ू लगा रहे हैं। -रेवती रमण
हम खुद ही सफाई करने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों का साफ सफाई का दावा और घर घर कचरा उठाने की बात ही बेईमानी है। -नत्थू लाल
बोले जिम्मेदार
शहर के आसपास के मोहल्लों को नगर पालिका में शामिल कराने को प्रयासरत हूं। सीमा विस्तार के लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया है। सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। नाले को पक्का करवाने के लिए भी अफसरों से बात करेंगे। -जय प्रकाश रावत, सांसद हरदोई
क्षेत्र में पुलिस गश्त कराई जाएगी। अराजकतत्वों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। आने जाने वाले राहगीरों को परेशान करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। पूरी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी।
-अंकित मिश्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर
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