जमीन की लड़ाई में अलीगढ़ नगर निगम से टकराई AMU, रिकॉर्ड खंगालने में जुटी इंतजामिया
अलीगढ़ में एक अरब से भी ज्यादा की जमीन को लेकर नगर निगम से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अब टकराने को तैयार हो गई है। जमीन को अपना बताते हुए इंतजामिया ने उसके कागजात खंगालने शुरू कर दिए हैं। आठ दशक से यह जमीन एएमयू के पास ही थी।

अलीगढ़ मुस्लिम विवि वर्तमान में जमीन को लेकर चर्चा में ना हुआ है। नगर निगम ने अपनी जमीन बताते हुए राइडिंग क्लब की फील्ड में अपना बोर्ड लगा दिया। वहीं दूसरी ओर एएमयू इंतजामिया अपने बातों में अड़ा है। फिलहाल इंतजामिया जमीन से जुड़े अभिलेखों को खंगाले में जुटा है। नगर निगम व प्रशासन की टीम ने एएमयू के कब्जे से एक अरब दो करोड़ 62 लाख 50 हजार रुपये कीमत की जमीन को मुक्त कराया है। सात अलग-अलग गाटा में समाहित 4.1 हेक्टेयर (41050 वर्गमीटर) जमीन पर नगर निगम संपत्ति का बोर्ड लगा दिया गया है। वहीं एएमयू अब भी उसे अपनी जमीन बता रहा है।
एएमयू जनसंपर्क विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय यह स्पष्ट करना चाहता है कि नगर निगम अलीगढ द्वारा जिन भूमि संबंधी मामलों को लेकर स्थल पर कार्रवाई की गई है, वह भूमि विश्वविद्यालय की विधिसम्मत स्वामित्वाधीन संपत्ति है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के पास सभी प्रासंगिक दस्तावेज, अभिलेखीय साक्ष्य और विधिक प्रमाण उपलब्ध हैं, जिन्हें नियमानुसार सक्षम मंचों पर प्रस्तुत किया जा रहा है। यह भूमि दशकों से विश्वविद्यालय के स्वामित्व में रही है और विश्वविद्यालय द्वारा उसके अवैध कब्जे का कोई प्रश्न ही नहीं है।
पूर्व राज्य सभा सांसद ने बताया मिलीभगत
एएमयू के जमीन कब्जा मामले को पूर्व सांसद व ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष अली अनवर ने इस कार्रवाई को अवैध बताया है। जमीन कब्जा करने की योजना पूर्व वीसी रहते ही शुरू हो गई थी। पर मौजूद वीसी की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह हैरान करने वाला है। एएमयू ला सोसायटी के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद अली अंसारी एडवोकेट इस अवैध कब्जा के खिलाफ रिट याचिका दाखिल करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। अंसारी ने आरोप लगाया है कि एएमयू प्रशासन की मिलीभगत से ऐसा किया गया है।
छात्रों ने विवि से किए सवाल, निकाला प्रोटेस्ट मार्च
नगर निगम की कार्रवाई के बाद एएमयू छात्रों ने विरोध में मौलाना आजाद लाइब्रेरी से बाब ए सैयद तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला। विवि से सवाल करते हुए प्रॉक्टर टीम को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें पूछा कि जब नगर निगम कार्रवाई कर रहा था। तब विवि के अधिकारी कहां थे। क्या आईपीएस रजिस्ट्रार सिर्फ़ स्टूडेंट्स को सस्पेंड करने के लिए हैं? एमआईसी प्रॉपर्टी को अभी तक हटाया क्यों नहीं गया। एएमयू में इतनी बड़ी लॉ फैकल्टी मौजूद हैं वह किस लिए? इसमें साजिश शामिल है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। 72 घंटे में एएमयू अपना स्वामित्व स्थापित करे ऐसी मांग की। वरना वीसी लॉज पर भी नगर निगम का बोर्ड लग जाएगा। एमआईसी पीआरओ प्रोफेसर विभा शर्मा के अनुसार एएमयू अपने बयान पर कायम है। यह भूमि दशकों से विश्वविद्यालय के स्वामित्व में रही है और विश्वविद्यालय द्वारा उसके अवैध कब्जे का कोई प्रश्न ही नहीं है।
पूर्व राज्य सभा सांसद ने बताया मिलीभगत
एएमयू के जमीन कब्जा मामले को पूर्व सांसद व ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष अली अनवर ने इस कार्रवाई को अवैध बताया है। जमीन कब्जा करने की योजना पूर्व वीसी रहते ही शुरू हो गई थी। पर मौजूद वीसी की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह हैरान करने वाला है। एएमयू ला सोसायटी के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद अली अंसारी एडवोकेट इस अवैध कब्जा के खिलाफ रिट याचिका दाखिल करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। अंसारी ने आरोप लगाया है कि एएमयू प्रशासन की मिलीभगत से ऐसा किया गया है।
छात्रों ने विवि से किए सवाल, निकाला प्रोटेस्ट मार्च
नगर निगम की कार्रवाई के बाद एएमयू छात्रों ने विरोध में मौलाना आजाद लाइब्रेरी से बाब ए सैयद तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला। विवि से सवाल करते हुए प्रॉक्टर टीम को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें पूछा कि जब नगर निगम कार्रवाई कर रहा था। तब विवि के अधिकारी कहां थे। क्या आईपीएस रजिस्ट्रार सिर्फ़ स्टूडेंट्स को सस्पेंड करने के लिए हैं? एमआईसी प्रॉपर्टी को अभी तक हटाया क्यों नहीं गया। एएमयू में इतनी बड़ी लॉ फैकल्टी मौजूद हैं वह किस लिए? इसमें साजिश शामिल है इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। 72 घंटे में एएमयू अपना स्वामित्व स्थापित करे ऐसी मांग की। वरना वीसी लॉज पर भी नगर निगम का बोर्ड लग जाएगा। एमआईसी पीआरओ प्रोफेसर विभा शर्मा के अनुसार एएमयू अपने बयान पर कायम है। यह भूमि दशकों से विश्वविद्यालय के स्वामित्व में रही है और विश्वविद्यालय द्वारा उसके अवैध कब्जे का कोई प्रश्न ही नहीं है।|#+|
राइडिंग क्लब की भूमि विवि के स्वामित्वाधीन : एएमयू
अलीगढ़ नगर निगम द्वारा एएमयू के कब्जा मुक्त कराए गए भूमि पर एक बार फिर अलीगढ़ मुस्लिम विवि ने अपना पक्ष रखा है। जनसंपर्क कार्यालय ने बताया कि भूमि विश्वविद्यालय की विधिसम्मत स्वामित्वाधीन संपत्ति है, जिसके संपूर्ण प्रासंगिक दस्तावेज, साक्ष्य उपलब्ध हैं।
एएमयू जनसंपर्क कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) यह स्पष्ट करना चाहता है कि नगर निगम अलीगढ द्वारा जिन भूमि संबंधी मामलों को लेकर स्थल पर कार्रवाई की गई है। वह भूमि विश्वविद्यालय की विधिसम्मत स्वामित्वाधीन संपत्ति है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के पास सभी प्रासंगिक दस्तावेज, अभिलेखीय साक्ष्य और विधिक प्रमाण उपलब्ध हैं, जिन्हें नियमानुसार सक्षम मंचों पर प्रस्तुत किया जा रहा है।
यह भूमि दशकों से विश्वविद्यालय के स्वामित्व में रही है और विश्वविद्यालय द्वारा उसके अवैध कब्जे का कोई प्रश्न ही नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जो अपने समस्त कार्यों में कानूनी मर्यादा, संस्थागत गरिमा और उत्तरदायित्व का पूर्णतः पालन करता है। विश्वविद्यालय इस विषय में उपयुक्त विधिक एवं प्रशासनिक कदम उठा रहा है, ताकि संस्थान के वैध अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। विश्वविद्यालय अपने सभी हितधारकों को आश्वस्त करता है कि वह अपनी परिसंपत्तियों और संस्थागत प्रतिष्ठा की रक्षा हेतु संकल्पबद्ध है। इस दिशा में सभी आवश्यक प्रयास तत्परता से किए जा रहे हैं।