मॉक ड्रिल मुख्य खबर: सायरन बजते ही जमीन पर लेटे, बिल्डिंग की आग बुझाई, घायलों को पहुंचाया अस्पताल
Bagpat News - बुधवार को गृह मंत्रालय के आदेश पर जिलेभर में ब्लैक आउट मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। 15 मिनट तक चली इस मॉकड्रिल में बिजली और वाहनों की लाइटें बंद रहीं। लोग सायरन की आवाज सुनकर जमीन पर लेट गए। राहत कार्य...

बुधवार को गृह मंत्रालय के आदेश पर जिलेभर में ब्लैक आउट मॉकड्रिल की गई। 15 मिनट तक चली मॉकड्रिल के दौरान बिजली लाइटों से लेकर वाहनों की हेडलाइट तक बंद रहे। वाहन भी सड़क किनारे खड़े रहे। शहर से लेकर गांव की गलियों तक सायरन की आवाज गूंजती रही। वहीं, विकास भवन में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर मॉकड्रिल हुई। सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए। इसके बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। इमारत में लगी आग पर काबू पाया गया। आग में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। मॉकड्रिल के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
जिलेभर में बुधवार की शाम 7.15 बजे ब्लैक आउट मॉकड्रिल शुरू हुई। मॉकड्रिल शुरू होते ही बिजली विभाग ने समूचे जिले की बिजली गुल कर दी। लोगों ने भी जागरूकता दिखाते हुए अपने घरों में जल रही इंवर्टर लाइट, व अन्य उपकरण बंद कर दिए। इसके बाद जैसे ही सायरन बजा, तो लोग या तो घरों में छिप गए या फिर जो जहां था वहीं, जमीन पर लेट गया। दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाइवे, बागपत-मेरठ हाइवे, ईपीई, बागपत-सोनीपत हाइवे, बड़ौत-मेरठ मार्ग, बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग समेत संपर्क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। खेकड़ा, बिनौली, दाहा, चांदीनगर, बालैनी, अमीनगर सराय, छपरौली, दोघट, रमाला क्षेत्र में भी मॉकड्रिल के दौरान ब्लैक आउट रहा। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने बॉडर की सीमाओं को सील कर दिया। वहीं, दूसरी और विकास भवन में सेना के जवानों के साथ पुलिस और फायर विभाग ने राहत एवं बचाव कार्य की ड्रिल की। 7.15 बजे सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए। इसके तीन मिनट बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू हुआ। एनएसएस और एनसीसी कैडेट ब्लिडिंग में घुसे और वहां फंसे घायलों को कंधे पर डालकर बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भिजवाया। इस दौरान 15 से 20 घायल लोगों को छह एंबुलेंसों के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। दो घायलों को सीओ की गाड़ी में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचते ही घायलों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। वहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को प्रतिकात्मक रूप से रेफर किया गया। इस दौरान एडीएम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी मौजूद रहे और हालात का जायजा लेते रहे। ------- बिल्डिंग में लगी आग पर पाया काबू, फंसे हुए लोगों को निकाला मॉकड्रिल के दौरान विकास भवन की एक ब्लिडिंग में आग लगना दर्शाया गया। जैसे ही बिल्डिंग में आग लगती है, तभी फायर कर्मी वहां पहुंच जाते है। वे कड़ी मशक्कत के जरिए आग पर काबू पाते है। इसके बाद पुलिस और फायर विभाग के जवान ब्लिडिंग में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालते है। इसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया जाता है। -------- शहर से लेकर गांव तक लोगों ने दिखाई जागरूकता दरअसल, गृह मंत्रालय ने बुधवार को ब्लैक आउट मॉकड्रिल करने के आदेश जारी किए थे। जिसके मद्देनजर शहर से लेकर गांवों में जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों से मॉकड्रिल में सहयोग करने की अपील की गई। इसका असर भी देखने को मिला। जैसे ही शाम के 7.15 मिनट हुई, वैसे ही सायरन बज गया। सायरन बजते ही लोगों ने अपने मकानों की लाइटें बंद कर ली। सड़कें सुनसान हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी भारतवासी है। हमारा कृत्वय है कि हम सरकार के हर दिशा-निर्देशों का पालन करें। ----- पहले सायरन पर बत्ती गुल, तीसरे पर जिंदगी लौटी पटरी पर मॉकड्रिल के दौरान तीन सायरन बजाए गए। पहला सायरन बजते ही लोग जमीन पर लेट गए या जो जहां था वहीं, ठहर गया। शहर से लेकर गांव तक की बत्ती गुल हो गई। इसके बाद दूसरा सायरन बजाया गया। जिसके बाद पुलिस के साथ अन्य विभागों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। वहीं, जैसे ही तीसरा सायरन बजा, वैसे ही जिंदगी पटरी पर लौट आई। -------- मंदिर और मस्जिद से हुआ एलान, बजाए गए सायरन बुधवार को मॉकड्रिल के लिए शहर से लेकर गांवों तक में विशेष तैयारी की गई थी। इसके लिए धर्मगुरूओं से भी सहयोग मांगा गया था। पूरे कस्बे या फिर गांव में सायरन बजाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने धार्मिक स्थलों का प्रयोग किया। बागपत में कूड़ा ढोने वाली गाड़ियां गलियों में सायरन बजाती नजर आई। वहीं गांवों में मंदिर और मस्जिदों के जरिए सायरन बजाए गए। ------- बागपत, रमाला और मलकपुर चीनी मिल में भी बजे सायरन मॉकड्रिल के दौरान बागपत, रमाला और मलकपुर चीनी मिल में भी सायरन बजाए गए। सायरन बजते ही किसान सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए। तीनों ही मिलों की लाइटें बंद हो गई। किसानों ने न हुक्का जलाया और न ही बीडी। 15 मिनट तक अंधेरा ही अंधेरा छाया रहा। मॉकड्रिल संपन्न होने के बाद ही तीनों चीनी मिलों में पेराई शुरू हो पाई। ------- कोट- गृह मंत्रालय के आदेश पर ब्लैकआउट मॉकड्रिल की गई। मॉकड्रिल सफलता पूर्वक संपन्न हुई। शहर से लेकर गांवों के लोगों ने प्रशासन का सहयोग किया। हाइवे पर दौड़ने वाले वाहन भी मॉकड्रिल के दौरान सड़क किनारे खड़े नजर आए। पंकज वर्मा, एडीएम बागपत ब्लैक आउट होते ही ठहर गया सबकुछ बड़ौत, संवाददाता। बुधवार शाम मॉक ड्रिल से लेकर ब्लैक आउट में सब कुछ ठहर सा गया। शहर के सभी प्रतिष्ठान बंद हो चुके थे, हथठेलियां तक गायब थी। जो खुला भी था, वह अंदर कैद हो गया और बत्तियां बन्द कर अंधेरे में बैठ गया। शहर की सड़कों पर ब्लैक आउट होने के बाद वाहन भी बत्तियां जलाकर चल रहे थे। वहीं पुलिसबल जगह-जगह तैनात रहा। नगर शहर के मुख्य चौराहों जिनमे दिल्ली बस स्टैंड, अग्रसेन मूर्ति, मुख्य बाजार में साउंड सिस्टम के माध्यम से या फिर लाउड स्पीकर के माध्यम से सायरन बजाया गया। सायरन बजते ही सभी लोगों ने अपने घरों, दुकानों को बन्द कर सभी बिजली उपकरण भी बन्द कर दिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय कुमार के निर्देशन में मॉक ड्रिल को पूरा करते हुए इमरजेंसी सुविधाएं कैसे दुरुस्त रहे, कैसे घायलों का उपचार कराया जाएगा, कैसे वार्ड व अन्य विभाग ठीक तरह से कार्य करेंगे, तैयारियों को जांचा परखा गया। -------
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