नहीं मिल रहे मजदूर, खुद गेहूं कटाई कर रहे किसान
Bagpat News - - हरियाणा और पंजाब से आई मशीनों से गेहूं निकलवा रहे किसाननहीं मिल रहे मजदूर, खुद गेहूं कटाई कर रहे किसाननहीं मिल रहे मजदूर, खुद गेहूं कटाई कर रहे कि

पिछले दिनों मौसम के बार बार बिगड़ने से गेहूं की फसल में हुए नुकसान से परेशान किसानों को अब गेहूं की फसल के कटाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूर ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हैं। एडवांस बुकिंग कराई जा रही है या किसान तपती धूंप में खुद कटाई कर रहे हैं। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा से हाईटेक कम्बाइन थ्रेसिंग मशीनें मंगाई जा रही है।
जिले में सरसों कटाई का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। वहीं अब गेहूं की फसल के कटाई शुरू होने पर मजदूरों की समस्या खड़ी हो गई है। किसान भी अपनी गेहूं की फसल कटाई के लिए मजदूरों की तलाश कर बुकिंग कर रहा हैं। क्योंकि इस बार मौसम की उठा-पटक के कारण मार्च के महीने में ही गेहूं की अधिकांश फसल कटाई को आ गई है। एक साथ फसल के कटाई पर आने से एकदम से मजदूरों का संकट खड़ा हो गया है। फसल काटने के लिए किसानों को तलाशने के बाद भी मजदूर आसानी से नहीं मिल रहे हैं। 10 दिन पहले तक आसानी से मिल रहे मजदूरों ने यकायक मजदूरी के रेट बढ़ा दिए हैं। किसानों की मानें तो पिछले वर्ष एक बीघा गेहूं की फसल कटाई के रेट 1000 से लेकर 1500 रुपये थे, लेकिन इस बार उसी एक बीघा फसल की कटाई के लिए मजदूर 2000 से लेकर 2500 रुपये की डिमांड कर रहे है। किसान राजेंद्र, वीरेंद्र सिंह, सुबोध, सोनू आदि ने बताया कि फसल कटाई के समय हर बार मजदूरों की आवश्यकता होती है, लेकिन इस बार मजदूरों की कमी है। पिछले साल कंबाइन से कटाई का रेट 1000 से 1500 रुपये प्रति एकड़ था, लेकिन इस बार यह भी बढ़कर 2500 से 3000 रुपये तक पहुंच गया है। कंबाइन थ्रेसिंग संचालक सचिन ने बताया कि पेट्रो पदार्थों की कीमत में वृद्धि के कारण वे रेट बढ़ाने को मजबूर है। कम्बाइन थ्रेसिंग मशीन इतनी अधिक हाईटेक है कि मिनटों में कई बीघा खेत में खड़ी फसल को काटकर भूंसा भी अलग कर देती है। ये मशीनें पंजाब और हरियाणा से मंगाई जा रही है। मजदूरों के न मिलने के कारण प्रतिदिन जिले में एक दर्जन से अधिक मशीनें गेहूं कटाई के लिए मंगाई जा रही है।
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