पड़ताल: गर्मी बढ़ी, मरीज भी बढ़े लेकिन रिकॉर्ड में ‘शून्य
Bagpat News - - अस्पतालों ने अब तक नहीं की मरीजों की रिपोर्टिंगपड़ताल: गर्मी बढ़ी, मरीज भी बढ़े लेकिन रिकॉर्ड में ‘शून्यपड़ताल: गर्मी बढ़ी, मरीज भी बढ़े लेकिन रि

सरकारी व निजी अस्पतालों में गर्मी से सताए मरीज पहुंच रहे हैं। कुछ ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में हीट स्ट्रोक अब तक ‘शून्य है। संसाधनों से लैस अस्पतालों में कोल्ड रूम तक बंद पड़े हैं। बागपत के अस्पतालों ने ऐसे मरीजों की रिपोर्टिंग नहीं की है। इस पर शासन ने आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी है।
तपती सड़कों और धधकते आसमान के बीच आम लोग गर्मी से बेहाल हैं। लू और चटकती धूप ने स्थिति इस कदर बिगाड़ी है कि हर दिन अस्पतालों की ओपीडी में उल्टी, चक्कर, बेहोशी और जलन जैसे लक्षणों वाले मरीज आ रहे हैं। कुछ की हालत इतनी बिगड़ी कि उन्हें आईसीयू व ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी। डॉक्टरों के अनुसार, शुगर, बीपी और हृदय रोग से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। गर्मी के चलते मस्तिष्क में कैटीकॉलामीन नामक तत्व जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाता है, जिससे शरीर की तापमान नियंत्रक प्रणाली प्रभावित होती है। इससे घबराहट, सांस फूलना और यहां तक कि नाक से खून आता है। ऐसे मरीजों की सूचना जिलास्तरीय अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व निजी अस्पतालों तक कहीं से भी शासन को नहीं भेजी गई है। खास बात यह है कि जिन अस्पतालों में कोल्ड रूम जैसी सुविधा मौजूद है, वो भी बंद पड़े हैं। उल्टी, दस्त, बेहोशी के मरीजों को सामान्य वार्ड में भर्ती किया जा रहा है, जहां न तो विशेष देखभाल है और न ही राहत का कोई इंतजाम। ये स्थिति तब है जब मौसम विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका है कि इस बार हीट स्ट्रोक का असर पिछले वर्षों से अधिक तीव्र हो सकता है। शासन ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक मरीजों की रिपोर्ट ही नहीं आएगी तो बचाव की रणनीति कैसे बनेगी?
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जिलेभर के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी तक हीट स्ट्रोक का कोई मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ है। जिला अस्पताल के साथ ही सीएचसी पर कोल्ड रूम संचालित है। अतिरिक्त स्टाफ भी लगाया है।
डा. तीरथ लाल, सीएमओ
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