भारत नेपाल सीमा पर तीन चौकियों का निर्माण लटका
Bahraich News - रुपईडीहा में नेपाल की सीमा से लगे तीन चौकियों का निर्माण वर्षों से रुका हुआ है। ये चौकियां मादक पदार्थ और पशु तस्करी के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में हैं। पुलिस की तैनाती तो है, लेकिन रुकने की सुविधा...

तीनों इलाके नेपाल की स्थलीय सीमा से लगे हुए हैं क्षेत्र मादक पदार्थ तस्करी,वन्य जीवों के अवशेष व पशु तस्करी के लिए मुफीद
रुपईडीहा, संवाददाता। वर्षों पूर्व जिले के पुलिस विभाग द्वारा इंडो नेपाल बार्डर के रुपईडीहा थाने में 3 चौकियों के निर्माण की घोषणा की गई थी। मगर अभी तक इन चौकियों का निर्माण नहीं हो पाया।
चौकियों में चिकनिया, सीतापुरवा व शिवपुर मोहरनिया में निर्माण होना था। ये तीनों इलाके स्थलीय रूप से नेपाल सीमा से जुड़े हैं। सीतापुरवा चौकी रुपईडीहा के पूरब अब्दुल्लागंज रेंज से सटी है। यह क्षेत्र मादकपदार्थ तस्करी, जानवरों के अवशेष व पशु तस्करी के लिए संवेदनशील है। कई बार इस क्षेत्र में नेपाली जानवरो की हड्डियां तक एसएसबी व पुलिस ने पकड़ी है। रुपईडीहा के पश्चिम शिवपुर मोहरनिया चौकी भी नेपाल सीमा से सटी है। यहां से भी कई बार एसएसबी व पुलिस ने स्मैक, चरस, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व पशु बरामद किए हैं। इसी प्रकार चिकनिया पुलिस चौकी भी नितांत जनहीन क्षेत्र में है। क्षेत्रीय समाजेसिवों का कहना है कि इन अतिसंवेदनशील सीमा पर चौकियों का निर्माण होना अत्यंत आवश्यक है।
स्टाफ की तैनाती, रुकने की सुविधा नहीं
हालांकि सीतापुरवा चौकी पर एसआई जितेश कुमार सिंह, शिवपुर मोहरनिया पर एसआई अशोक कुमार व चिकनिया चौकी पर एसआई यतींद्र कुमार सिंह की तैनाती है। इनके साथ आरक्षी भी तैनात हैं। परंतु रात में इनके ठहरने की व्यवस्था नही है। पुलिस दिन में तो एक दो चक्कर लगा लेती है। चिकनिया मे टीन शेड डालकर पुलिस कर्मी रात में भी रहते हैं। शेष दोनों चौकियों पर रुकने की व्यवस्था नहीं है। चौकियों का निर्माण विभागीय उदासीनता का शिकार है। जिससे बार्डर के अपराधों पर पूर्ण रूपेण नियंत्रण नही हो पा रहा है।
क्या कहते हैं पुलिस क्षेत्राधिकारी
इस संबंध में जब पुलिस क्षेत्राधिकारी नानपारा प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि तीनों चौकियों को एसपी के आदेशानुसार स्थायी रूप प्रदान कर दिया गया है। परंतु अभी जमीन उपलब्ध न होने के कारण इनका निर्माण रुका हुआ है। जब विभाग को जमीन हस्तांतरित हो जाएगी तभी हम बजट की मांग कर सकते हैं। जमीन हस्तांतरण का कार्य राजस्व विभाग नानपारा का है।
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