उल्टी दस्त व बुखार के बढ़े मरीज, ओपीडी 500 के पार
Balrampur News - बलरामपुर में बढ़ते तापमान का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों की संख्या 500 के पार पहुंच गई है। गर्मी में खासकर वृद्ध और बच्चों में वायरल बुखार...

बलरामपुर, संवाददाता। बढ़ रहे तापमान का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। यही कारण है कि जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक में मरीजों की संख्या बढ़ी है। विशेषज्ञ भी करवट ले रहे इस मौसम में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मौसम से प्रभावित मरीजों की संख्या 500 के पार पहुंच जा रही है। गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा वृद्ध और बच्चे बीमार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार व उल्टी दस्त के अस्पताल पहुंच रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से मौसम एकदम से बदल गया था। सुबह दस बजे के बाद गर्मी का प्रचंड रूप शुरू हो जाता है। जिसकी चपेट में आकर बीमार होने वाले लोगों की पड़ताल हिंदुस्तान टीम ने सोमवार को जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक की। सुबह साढ़े दस के करीब जिला मेमोरियल अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ थी। यहां के फिजीशियन कक्ष के बाहर मौसमी बीमारियों के शिकार हुए मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। अस्पताल के चिकित्सक डॉ रमेश पाण्डेय ने बताया कि गर्मी के मौसम में डायरिया एवं वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। लोग भारी संख्या में अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनका इलाज कर उन्हें दवाएं व उचित परामर्श दिया जाता है। यहां के चिकित्सक डॉ अजय पाण्डेय ने बताया कि एक बार फिर मरीजों की संख्या अस्पताल में बढ़ी है। कोशिश की जा रही है कि सभी को समुचित इलाज मिले। मरीजों के बीमारी से सम्बन्धित उनकी जांच भी अस्पताल के ही पैथॉलाजी पर ही कराई जा रही है। यही स्थिति पड़ताल के दौरा संयुक्त जिला अस्पताल में भी देखने को मिली। यहां फिजीशियन डॉ सौरभ गुप्ता के चैम्बर के बाहर मरीजों की लाइन लगी हुई थी। बढ़ रही गर्मी के कारण वृद्ध और बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। लिहाजा फिजीशियन के पास वृद्ध और तमाम महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी। बच्चों व बुजुर्गों की सेहत पर विशेष ध्यान रखने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मरीजों नहीं है कोई पुरसाहाल
गर्मी के मौसम में बीमारों का हाल लेते हुए हिंदुस्तान ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की भी पड़ताल की। इस दौरान यह बात सामने आई कि सीएचसी पर आने वाले मरीजों के समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जबकि मौसम की मार झेल रहे सैकड़ो मरीज प्रतिदिन सीएचसी पर आ रहे हैं। सीएचसी शिवपुरा में साढ़े 11 बजे तक खुद अधीक्षक डॉ प्रणव पांडेय 48 मरीज देख चुके थे। यहां इनके अलावा कोई दूसरा डॉक्टर नहीं है, इसलिए मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मरीजों ने बताया कि सीएचसी अधीक्षक बीच-बीच में चले जाते है, जिस कारण उन्हें लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ता है। यही स्थिति सीएचसी उतरौला में भी देखने को मिली। यहां 12 बजे के करीब 150 मरीजों को देखा गया था। ज्यादातर मरीज उल्टी दस्त व बुखार के मिले।
जांच के लिए भटकते हैं मरीज
जिले के सीएचसी और पीएचसी पर जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। जिन जांचों का दावा स्वास्थ्य विभाग कर रहा है उसका भी लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। मरीजों ने बताया कि उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाएं तक नहीं मिल रही हैं। चिकित्सक उन्हें वापस लौटा दे रहे हैं। कई ऐसे स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहां मरीजों को चिकित्सक नहीं मिल रहे हैं और न ही उन्हें जीवन रक्षक दवाएं मिल पा रही हैं। लोगों का कहना है कि कहने को तो सब कुछ नि:शुल्क है, लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचने के बाद जो चिकित्सक मिलते हैं वह बाहर की जांच व दवा की पर्ची थमा देते हैं। ऐसी स्थिति में इलाज व जांच के नाम पर मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
कोट
सभी जगह मरीजों के लिए बेहतर सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। अगर कहीं पर असुविधा होती है तो मरीज स्वयं सम्पर्क कर सकता है। उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा। उपलब्ध संसाधनों और मैन पॉवर के जरिए बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी, सीएमओ बलरामपुर
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