यूपी की इस बिटिया ने बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई, राज्यपाल ने की सराहना
यूपी के इस जिले की 11वीं में पढ़ रही छात्रा शिवानी बेटियों में बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने की शक्ति जगा रही हैं

बाल विवाह की कुप्रथा पर यूं तो शासन प्रशासन लगातार प्रहार कर रहा है। नारी सुरक्षा दल व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी गांवों में महिलाओं को जागरूक कर रही है। इन सबके बीच तुलसीपुर के जुगलीकला गांव की 11वीं कक्षा की छात्रा शिवानी ने स्वयं का बाल विवाह रोकने एवं शिक्षा जारी रखने की लड़ाई जीती है। थोड़ी सी हिम्मत जुटाकर वह बाल विवाह के अभिशाप से बच गई।
शिवानी ने सिर्फ अपनी जिंदगी बचाई है, बल्कि अन्य बेटियों को भी शक्ति का अहसास कराया है। शिवानी की इस पहल से अन्य बेटियों को भी कुप्रथाओं का विरोध करने की शक्ति मिलेगी। इस साहसिक कार्य के लिए छात्रा को लखनऊ राजभवन में राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला व महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त निदेशक ने शिवानी को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया है।
पिता का साया न होने पर मां को थी विवाह की जल्दी
तुलसीपुर के जुगलीकला गांव की शिवानी ने स्वयं का बाल विवाह रोकर तमाम बेटियों को साहस से हर समस्या का सामना करने का संदेश दिया है। शिवानी के पिता की मौत हो चुकी है। शिवानी की दो बड़ी बहनों की भी कम उम्र में शादी कर दी गई। उनके बच्चे भी हैं। उनकी पीड़ा को देखकर ही शिवानी ने बाल विवाह न करने का मन बनाया। परिवारजन शिवानी की भी शादी तय कर रहे थे। पिता के न होने पर मां को उसके विवाह की चिंता सता रही थी। शिवानी को पता चला तो उसने मां से अभी शादी न करने की बात कही, लेकिन परिवारजन दबाव बनाना नहीं बंद किए। इस पर उसने मां से शादी करने पर घर छोड़ देने की बात कही। शिवानी के तेवर देख मां ने शादी का निर्णय टाल दिया। शिवानी के इस साहस की सराहना जिला स्तर से लेकर राजभवन तक हुई। पिता के न होने पर उसे स्पांसरशिप योजना से भी जोड़ा गया है। अब शिवानी अपनी पढ़ाई कर रही है। मां भी उसका भरपूर साथ देती है। शिवानी का कहना की बाल विवाह एक अभिशाप है। इस कुप्रथा के कारण हर वर्ष न जानें कितनी मासूम बच्चियों को जान गवानी पढ़ती है। शिवानी पढ़ लिख कर बड़ी अफ़सर बनना चाहती है। जिससे वो भविष्य में समाज के बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ़ लड़ाई लड़ सकें।
कहानी सुन भावुक हो गईं थी राज्यपाल
बीते 26 मार्च को जिला प्रशासन की ओर से आयोजित विकास महोत्सव का निरीक्षण करने आईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिवानी की कहानी उसी की जुबानी सुनी थी। शिवानी ने अपनी पारिवारिक स्थिति, बाल विवाह की तैयारी और उसके विरोध की कहानी सुनाई, तो राज्यपाल भावुक हो उठीं। राज्यपाल ने प्रभावित होकर सभी जनसमुदाय को बाल विवाह व दहेज प्रथा का नाश करने का संकल्प भी दिलाया। राज्यपाल ने शिवानी के साहस की सराहना की थी। उन्होने कहा था जिस दिन ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों के अंदर शिवानी जैसा साहस आ जायेगा उस दिन समाज से बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत हो जायेगा।
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