टूटी आलमारियां व बिखरे कबाड़ बयां कर रही मेंटनेंस की कहानी
Barabanki News - बाराबंकी के रामनगर में समाज कल्याण विभाग के छात्रावास में बिना काम कराए पांच लाख रुपये का भुगतान किया गया है। कई छात्रावासों में स्थिति खराब है, जबकि मरम्मत के लिए पैसे जारी किए गए थे। मंत्री ने मामले...

बाराबंकी। रामनगर में समाज कल्याण विभाग के छात्रावास में बिना कार्य कराए पांच लाख रुपये के भुगतान का मामला तो महज एक बानगी है। जिले में कई ऐसे छात्रावास हैं जिनमें से घोटाले की बू आ रही है। यह बात दीगर है कि अभी इस तरफ विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यान नहीं गया है। शहर सहित जिले के कुछ छात्रावासों का हाल तो यही बयां कर रहा है। कहीं इनकी विल्डिंग बाहर से ठीक दिख रही है तो अंदर कबारखाना बना हुआ है। किचन और कमरों में यत्रतत्र सामान फेंके हुए दिख रहे हैं तो कहीं विल्डिंग की हालत दयनीय है। जबकि जिले के आठ छात्रावासों की मरम्मत के लिए पांच पांच लाख रुपये दिए गए हैं।
फिर भी इन छात्रावासों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। शहर के पटेल डिग्री कॉलेज और जेनेस्मा कॉलेज परिसर में बने छात्रावास बनाए गए हैं। को देखा गया तो बाहर से विल्िंडग ठीक दिखी लेकिन किचेन और बाथ रूम की स्थिति बदहाल मिली। दशहराबाग स्थित राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास में आलमारी टूटी पड़ी थी। कुंडी और लोहे के दरवाजे दरकने की वजह से बंद नहीं हो रहे थे। मेंटनेंस में इसका भी ध्यान नहीं दिया गया था। जेनेस्मा स्थित राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास के कुछ कमरों में कबाड़ का सामान रखा मिला। कमोबेश यही हाल जिले के अन्य छात्रावासों की है। जहां सुविधाओं के अभाव में छात्रों को पढ़ाई करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। बताते चलें कि सोमवार को समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मेंटनेंस के लिए आए पांच लाख रुपये के घोटाले के मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और छात्रावास अधीक्षक संतोष कन्नौजिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। रामनगर पीजी कॉलेज में बने छात्रावास के मरम्मत कार्य का उन्होंने निरीक्षण किया तो तमाम खामियां सामने आई। कार्यों की जो सूची थी, उसके सापेक्ष अधिकांश कार्य कराए बिना ही पैसा निकाल लिया गया था। निरीक्षण में बिजली के नए स्विच 250 लगाने की बात बताई गई थी, जबकि मौके पर 39 स्विच ही मिले थे। इसीतरह 71 नए बोर्ड सूची में दिखाए गए थे, मगर मौके पर एक भी बोर्ड नहीं मिला। एलईडी रॉड लाइट 30 लिखी थी, लेकिन मौके पर छह मिली। इसतरह बिना कार्य कराए पांच लाख रुपये निकाल लिए जाने पर राज्यमंत्री ने समाज कल्याण अधिकारी और छात्रावास के अधीक्षक को संस्पेंड कर दिया था।
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