गंगा में बढ़ रहा कछुओं का कुनबा, विदुर कुटी में बनेंगी हैचरी
Bijnor News - बिजनौर में गंगा में पिछले सालों की अपेक्षा कछुओं का कुनबा बढ़ रहा है। वन विभाग ने पिछले पांच वर्षों में 1000 से अधिक कछुओं को गंगा में छोड़ा है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ किसानों को कछुओं के अंडों को न छेड़ने...

बिजनौर। गंगा में पिछले सालों की अपेक्षा कछुओं का कुनबा बढ़ रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले पांच सालों में 1000 से अधिक कछुओं को गंगा में छोड़ा है। बहुत जल्द विदुर कुटी पर हैचरी बनाई जाएंगी। वहीं गंगा किनारे के गांवों के किसानों को कछुओं के अंडों का न छेड़ने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम जागरुक भी करती है। कछुए गंगा के पानी को शुद्ध करते हैं। यह एक सफाई कर्मी है और गंगा के पानी का जलीय परिस्थितितंत्र को स्वच्छ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिले में धीरे धीरे कछुएं का कुनबा बढ़ रहा है। गंगा किनारे के गांवों के किसानों को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम लगातार का जागरुक कर रही है।
किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि कछुओं के अंडों को न छेडे़। अंडों को हैचरी में भेजकर बच्चे तैयार होने पर गंगा में छोड़ा जाता है। पिछले पांच सालों में 1 हजार से अधिक कछुओं के बच्चों को गंगा में छोड़ा गया है। एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि जिले में करीब 12 प्रजातियों के कछुए पाए जाते हैं। हर साल गंगा बैराज में कछुओं के बच्चे छोड़े जाते हैं। प्रयास किए जा रहे हैं कि जिले में कछुओं का कुनबा बढ़ाया जाए ताकि नदियां प्रदूषित होने से बच सकें। एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि गंगा किनारे क्षेत्र से क छुओं के अंडे इकट्ठा कर हस्तिनापुर हैचरी भेजते है वहां से अंडों से बच्चे तैयार होने के बाद किसी विशेष दिन कछुओं को गंगा बैराज पर छोड़ दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विदुर कुटी पर बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जा रहा है। इस पार्क में हैचरी बनाया जाना प्रस्तावित है। विदुर कुटी पर हैचरी बनने के बाद कछुओं के अंडों से बच्चे तैयार कराकर गंगा में छोडे़ जाएंगे। बतादें कि विदुर कुटी पर वन विभाग के अफसरों ने कोरोना काल से पहले कछुए की हैचरी बनाई गई थी। बतादें कि कछुओं का कुनबा बढ़ाने के लिए शिकारियों पर भी नजर बनाकर रखी जाती है। वन विभाग की टीम लगातार पेट्रोलिंग करती है। समय समय पर अभियान चलाकर शिकारियों को पकड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। ------------- वर्जन................... जिले में कछुओं का कुनबा धीरे धीरे बढ़ रहा है। विदुर कुटी में बायोडायवर्सिटी पार्क बन रहा है। विदुर कुटी पर हैचरी बनाया जाना प्रस्तावित है। पिछले पांच सालों में गंगा बैराज पर करीब 1000 से अधिक कछुओं को छोड़ा गया है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम गंगा किनारे के गांवों में किसानों को ट्रेनिंग देकर जागरुक करती है कि किनारे पर कछुओं केअंडों को न छेडे़। उन्हें हस्तिनापुर हैचरी भेजा जाता है और बाद में बच्चों को गंगा बैराज पर छोड़ दिया जाता है। शिकारियों पर पूरी तरह नजर बनाकर रखी जा रही है। ज्ञान सिंह, एसडीओ, वन विभाग बिजनौर। -------------
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