यूरिया की ओवररेटिंग, ठगे जा रहे किसान
Maharajganj News - महराजगंज में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को डीएपी और यूरिया खरीदने के लिए लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है। लाइसेंसी दुकानदारों द्वारा खाद की ओवररेटिंग से किसानों की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। कृषि...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। खरीफ सीजन में एक तरह जहां इफको केन्द्रों पर डीएपी, यूरिया की खरीदारी के लिए किसानों की लंबी लाइन लग जा रही है। वहीं दूसरी तरफ दुकानदारों द्वारा खाद की ओवर रेटिंग करने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। किसान अधिक रकम देकर खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। कृषि विभाग की ओर से जिले के करीब आठ सौ दुकानदारों को लाइसेंस जारी किया गया हैं। लाइसेंसी दुकानदारों को खाद की बिक्री करने पर कमीशन मिलता है। पर लाइसेंसी दुकानदारों ने अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में जिले के छोटे-बड़े सभी चौराहों पर खाद की ओवर रेटिंग शुरू कर दिया है।
किसानों को उर्द, सब्जी, गन्ना, धान की रोपाई आदि की खेती में यूरिया की जरूरत है। केन्द्रों पर लम्बी लाइन में लगने के बाद किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। इफको केन्द्रों के जिम्मेदारों द्वारा भी किसानों को नैनो खाद थमाई जा रही है। सदर क्षेत्र के ग्राम चेहरी गांव के किसान घिसन यादव,जोखन साहनी, राजू धवल,योगेंद्र तिवारी आदि ने बताया कि समय पर यूरिया नहीं मिलने पर किसानों को सबसे अधिक पीड़ा लाइसेंसी दुकानदार से होती है। जिला कृषि अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा, खाद की ओवररेटिंग करने वाले दुकानदारों को बख्शा नहीं जाएगा। दुकानों की लगातार जांच की जा रही है। किसानों द्वारा दुकानदारों को अधिक मूल्य देकर खाद नहीं खरीदना चाहिए। बार्डर क्षेत्र में यूरिया की कालाबाजारी अधिक बृजमनगंज, निचलौल कस्बा भारत-नेपाल के अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से सीधे लगा हुआ है। ऐसे में हर साल खरीफ सीजन में यूरिया खाद की तस्करी बढ़ जाती है। खाद की तस्करी में बार्डर एरिया में ग्रामीण क्षेत्र के कुछ तस्कर लगे रहते हैं। लेकिन जैसे ही एसएसबी और स्थानीय पुलिस जांच बढ़ा देती है, वे भूमिगत हो जाते हैं। यूरिया की सरकारी कीमत सरकार ने यूरिया की कीमत 266.50 निर्धारित किया है, पर किसान 300 से लेकर 400 रुपये प्रति बोरी खरीदने को मजबूर हैं।
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