IIM Lucknow Professor Reviews Agricultural Schemes and Watershed Project in District लखनऊ आईआईएम के प्रोफेसर ने जाना योजनाओं का जाना हाल, Bulandsehar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBulandsehar NewsIIM Lucknow Professor Reviews Agricultural Schemes and Watershed Project in District

लखनऊ आईआईएम के प्रोफेसर ने जाना योजनाओं का जाना हाल

Bulandsehar News - आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर एस वेंकटरमैया ने रविवार को जिले में कृषि विभाग की योजनाओं का अवलोकन किया। उन्होंने जल संरक्षण, मोती पालन और जैविक खेती के बारे में जानकारी ली। उन्होंने किसानों को योजनाओं से...

Newswrap हिन्दुस्तान, बुलंदशहरMon, 19 May 2025 03:02 AM
share Share
Follow Us on
लखनऊ आईआईएम के प्रोफेसर ने जाना योजनाओं का जाना हाल

आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर ने रविवार को जिले में पहुंचकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में अफसरों से जानकारी ली और उनके कि्रन्यावन को देखा। विभाग के कार्यों को धरातल पर देखकर वह काफी खुश हुए है और मोती के खेती को देखा। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि आईआईएम लखनऊ ्रवाटरशेड परियोजना पर केस स्टडी कर रहा है। जिला कृषि अधिकारी रामकुमार यादव ने बताया कि रविवार को प्रोफेसर एस वेंकटरमैया का जिले में पहुंचने पर बुके देकर स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ बैठकर योजनाओं के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने बताया कि प्रोफेसर को जिले में संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई वाटरशेड विकास घटक योजना के कि्रन्यावन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना पूरी तरह से धरातल पर है और इसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जिले में जल संकट व अति दोहीत क्षेत्र में वर्षा जल संग्रहण, भूमि सुधार, मृदा संरक्षण, बहुउद्देशीय कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नौ माइक्रो वाटरशेड संचालित है। ग्रामीण आजीविका को स्थायित्व प्रदान करने के लिए यह योजना मिल का पत्थर साबित हो रही है। भूमि संरक्षण इकाई द्वारा तालाबों का जीणोद्धार तेजी से कराया जा रहा है, जिससे बारिश के दिनों में तालाब में पानी की पर्याप्त मात्रा रहे। जिससे भूमिगत जल स्तर में वृद्धि होगी और किसान इसका उपयोग फसलों में सिंचाई के साथ-साथ मत्स्य पालन, सिंघाड़े की खेती और मोती पालन में कर सकते हैं। ---- बागबानी योजनाओं के बारे में ली जानकारी डीएओ ने बताया कि प्रोफेसर एस वेंकटरमैया ने योजना के तहत जल संरक्षण के साथ-साथ कृषक केंचुए की खाद, पशुपालन पालन, मोती पालन, जैविक खेती, फूलों की खेती, बागवानी, बकरी पालन व एकीकृत कृषि प्रणाली के बारे में किसानों से जानकारी लेते हुए उन्हें आय दोगुनी करने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी योजना का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने ग्राम धमैड़ा कीरत के किसान अशोक कुमार के यहां कराए गए तालाब के निमार्ण के बारे में प्रोफेसर को जानकारी दी। इस अवसर पर सभी विभागों के अफसर मौजूद रहे। ------ सिराज सैफी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।