अयोध्या में राम मंदिर के शिखर का निर्माण भी पूरा, विधि विधान से पूजा के बाद कलश स्थापित
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर का काम भी सोमवार को पूरा हो गया। इसके ऊपर कलश स्थापित कर दिया गया। विधि विधान से पूजन के बाद कलश की स्थापना की गई। अब ध्वजा दंड की स्थापना का काम शुरू होगा।

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर का निर्माण सोमवार को पूरा हो गया। विधि विधान से पूजन के बाद भूमि की सतह से 161 फिट ऊंचे इस शिखर पर कलश स्थापित कर दिया गया है। सोमवार की सुबह सवा नौ बजे पूजन शुरू होकर करीब 10.30 बजे तक चला। पूजन के बाद क्रेन टावर के सहारे पूजित कलश को शिखर के ऊपर ले जाकर स्थापित किया गया। इसके पहले तीर्थ क्षेत्र के पुरोहित आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम ने कलश का विधि विधान से पूजन कराया।
तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय व न्यासी डा अनिल मिश्र एवं मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने मिलकर पूजन किया। इस दौरान निर्माण एवं पर्यवेक्षण एजेंसी के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। अब ध्वजा दंड की स्थापना का काम शुरू किया जाएगा। इस दौरान सीबीआर आई के पूर्व चेयरमैन एके मित्तल, मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा व निखिल सोमपुरा, एल एण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता, टीईसी के परियोजना निदेशक बीके शुक्ल, जगदीश आफले, जय कानीटकर मौजूद रहे।
अक्षय तृतीया पर होगी राम दरबार की स्थापना
चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर से अब निर्माण मशीनें हटाई जाएंगी। प्रथम तल पर राजा राम दरबार, परकोटे और सप्तऋषियों के मंदिरों में मूर्तियों की प्रतिष्ठा का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर आगे बढ़ रहा है, जिससे भक्तों में उत्साह है। कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन सप्त मंडपम के सातों मंदिरों में खरमास की समाप्ति के साथ ही अलग-अलग मूर्तियों को यथास्थान स्थापित कर दिया गया है। अब परकोटे के मूर्तियों को यहां लाकर उनको स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया को राम दरबार की भी स्थापना हो जाएगी। पुनः शेषावतार मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद लक्ष्मण जी की मूर्ति स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रसन्न्ता व्यक्त की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा की अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण देशवासियों की आस्था और संकल्प का परिणाम है। यह भारत की सनातन संस्कृति को विश्व पटल पर और सशक्त करेगा। योगी ने ट्रस्ट और निर्माण कार्य से जुड़े सभी लोगों की सराहना की और इसे नए भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अयोध्या को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल बनाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सड़क, रेल और हवाई संपर्क के साथ पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।