3 छात्रों के नंबर बढ़वाने की कोशिश में एक गिरफ्तार, बनाई थी यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की फर्जी आईडी
पुलिस के अनुसार आरोपी ने यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अधिकृत ई-मेल आईडी से मिलती-जुलती आईडी बनाकर 10वीं-12वीं के 3 परीक्षार्थियों के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में नंबर बढ़वाने के लिए निजी एजेंसी को मेल भेजा था। शक होने पर संबंधित एजेंसी ने बोर्ड की क्षेत्रीय सचिव से संपर्क किया।

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के परिणाम को प्रभावित करने के प्रयास में साइबर क्राइम थाने की टीम ने आरोपी 34 वर्षीय अभिषेक सोनी निवासी एलनगंज को शुक्रवार को उसके निवास स्थल के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी ने यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अधिकृत ई-मेल आईडी से मिलती-जुलती आईडी बनाकर 10वीं-12वीं के तीन परीक्षार्थियों के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में नंबर बढ़वाने के लिए निजी एजेंसी को मेल भेजा था। शक होने पर संबंधित एजेंसी ने बोर्ड की क्षेत्रीय सचिव विभा मिश्र से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई ई-मेल नहीं भेजने की बात कही।
उसके बाद आरोपी अभिषेक सोनी की ओर से भेजी गई ई-मेल की जांच में पता चला कि उसने एक अक्षर हटाकर यूपी बोर्ड जैसी हूबहू ई-मेल बना ली थी। इसकी जानकारी होने पर यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। अभियुक्त अभिषेक सोनी ने पूछताछ में बताया कि वह यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर फोटोकॉपी/ मार्कशीट संशोधन करने व ऑनलाइन फॉर्म भरने की दुकान चलाता है। वह अभ्यर्थियों के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में संशोधन कराने का काम करवाता है।
अधिक पैसे कमाने के लालच में उसने यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की ई-मेल आईडी से मिलती-जुलती फर्जी ई-मेल आईडी बनाई थी। फर्जी दस्तावेज तैयार करके हाईस्कूल-इंटर के तीन अभ्यर्थियों के नंबर बढ़वाने के लिए उसने फर्जी ई-मेल आईडी से एजेंसी को मेल भेजा था। गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर ओम प्रकाश गौतम, सिपाही अतुल त्रिवेदी, प्रदीप यादव, रूप सिंह और अनुराग यादव ने आरोपी अभिषेक सोनी के पास से तीन एंड्रायड मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड भी बरामद किया है।
फर्जीवाड़े में फंस सकते हैं बोर्ड कर्मचारी
फर्जी ई-मेल से नंबर बढ़वाने के खेल में यूपी बोर्ड के कर्मचारी की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। सवाल है कि किसी बाहर व्यक्ति को कैसे पता चल सकता है कि किस एजेंसी को यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में संशोधन का काम मिला है। यही नहीं एजेंसी की ई-मेल आईडी भी अभिषेक सोनी को मिल गई जो किसी कर्मचारी की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। आरोपी अभिषेक सोनी की गिरफ्तारी के बाद साइबर क्राइम थाने की पुलिस पड़ताल करने में लगी है कि वो कर्मचारी कौन है जिसने बोर्ड की गोपनीय सूचना एक बाहरी आदमी को दे दी।